ज्येष्ठ माह शुरू, जानिए इस महीने पड़ने वाले शनि जंयती, गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी व्रत का महत्व

ज्येष्ठ माह हिंदू पंचांग का तीसरा महीना है, जिसमें जल का विशेष महत्व होता है. इस पवित्र माह में वृषभ संक्रांति, गणेश चतुर्थी, अपरा एकादशी, शनि जयंती, विनायकी चतुर्थी, गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी और ज्येष्ठ पूर्णिमा जैसे प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं. गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी में स्नान, दान और उपवास का विशेष महत्व है. यह माह तप, श्रद्धा और सेवा के लिए आदर्श माना जाता है.;

By :  State Mirror Astro
Updated On : 15 May 2025 6:11 PM IST

हिंदू कैलेंडर के अनुसार 15-15 दिन के दो पक्ष होते हैं, जिसे शुक्ल और कृष्ण पक्ष के नाम से जानते हैं. जब ये दोनों पक्ष पूरे हो जाते हैं तो नया हिंदू महीना प्रारंभ हो जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के खत्म होने के बाद अब साल का तीसरा महीना ज्येष्ठ शुरू हो गया है. हिंदू धर्म में हर एक माह का विशेष महत्व होता है. इस तरह से ज्येष्ठ माह में पानी के महत्व को बताने के लिए इससे जुड़े कई व्रत और त्योहार मनाया जाता है. आइए जानते हैं ज्येष्ठ माह में आने वाले प्रमुख त्योहार और इसका महत्व.

वृषभ संक्राति

जब सूर्य एक से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे वृषभ संक्रांति के नाम से जाना जाता है. 15 मई को सूर्य मेष से वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे. वृषभ संक्रांति पर पवित्र नदियों में स्नान और सूर्यदेव की पूजा का विशेष महत्व होता है.

गणेश चतुर्थी

16 मई को गणेश चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा. भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए गणेश चतुर्थी का उपवास और पूजा-पाठ किया जाता है.

अपरा एकादशी

हर एक माह में दो एकादशियां आती हैं. शुक्रवार, 23 मई को ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अपरा एकादशी है. एकादशी का व्रत भगवान विष्णु के लिए रखा जाता है. एकादशी पर चावल खाना वर्जित होता है.

शनि जयंती

27 मई को शनि जयंती मनाई जाएगी. हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर न्याय और कर्मफलदाता भगवान शनि की जयंती मनाई जाती है. अमावस्या पर शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए सरसों के तेल का दीपक जलाया जाता है और इसका दान किया जाता है.

विनायकी चतुर्थी

ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायकी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा. इस दिन भगवान गणेश की विशेष रूप से पूजा-आराधना करने का महत्व होता है.

गंगा दशहरा

5 जून 2025 को गंगा दशहरा का पर्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ माह की दशमी तिथि पर पवित्र नदी गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था. गंगा दशहरा पर गंगा स्नान, दान और जप करने का विशेष महत्व होता है.

निर्जला एकादशी

ज्येष्ठ माह में पानी का काफी महत्व होता है. ऐसे में निर्जला एकादशी का व्रत बहुत ही विशेष हो जाता है. 06 जून को निर्जला एकादशी का व्रत है. इस दिनभर बिना पानी और अन्न के उपवास रखा जाता है.

ज्येष्ठ पूर्णिमा

11 जून का ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि है. यह ज्येष्ठ माह का आखिर दिन होगा. इसके बाद आषाढ़ का महीना शुरू हो जाएगा. हिंदू धर्म में पूर्णिमा के व्रत का महत्व होता है.

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