Kalashtami November 2024: काल भैरव की पूजा से बदलें भाग्य, इन चीजों का दान दिलाएगा मोक्ष
कालाष्टमी का पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन भगवान शिव के उग्र रूप काल भैरव की पूजा की जाती है. इन्हें संकट मोचन कहा जाता है, और उनकी आराधना से जीवन की सभी समस्याओं का समाधान होता है.;
Kalashtami November 2024: कालाष्टमी का पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन भगवान शिव के उग्र रूप काल भैरव की पूजा की जाती है. इन्हें संकट मोचन कहा जाता है, और उनकी आराधना से जीवन की सभी समस्याओं का समाधान होता है. मान्यता है कि काल भैरव की पूजा से धन, सुख और शांति की प्राप्ति होती है.
शुभ मुहूर्त
इस साल मार्गशीर्ष मास की कालाष्टमी 22 नवंबर, शुक्रवार की शाम 6:07 बजे से शुरू होकर 23 नवंबर, शनिवार की रात 7:56 बजे तक रहेगी. पूजा के लिए शुभ समय 22 नवंबर को सुबह 6:50 से 10:48 तक रहेगा. निशिता काल मुहूर्त 22 नवंबर की रात 11:41 से 23 नवंबर की रात 12:34 तक रहेगा.
कालाष्टमी पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पूजा स्थल को साफ करें.
- लाल कपड़ा बिछाकर काल भैरव की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें.
- दीपक, धूप, फूल, फल, मिठाई, चंदन आदि से पूजा करें.
- ॐ क्लीं कालिकायै नमः” मंत्र का जाप करें.
- भगवान को भोग लगाकर आरती करें.
दान का महत्व और लाभ
कालाष्टमी पर दान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन दान के लिए विशेष सामग्री का महत्व बताया गया है.
- काले तिल: पाप नष्ट कर मोक्ष प्रदान करते हैं.
- काले चने: धन और सफलता दिलाते हैं.
- लोहे की वस्तुएं: शत्रुओं से मुक्ति दिलाती हैं.
- काले कपड़े: रोगों से मुक्ति देते हैं.
- नमक और तेल: कष्टों का अंत करते हैं.
- फल: आरोग्य और सुख-शांति प्रदान करते हैं.
काल भैरव की कृपा से लाभ
कालाष्टमी पर विधि-विधान से पूजा और दान करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है. भगवान काल भैरव की कृपा से न केवल कष्टों का अंत होता है, बल्कि मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त होता है.
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.