Ahoi Ashtami 2024: इस साल कब रखा जाएगा अहोई अष्टमी का व्रत, पूजा विधि और संतान के लिए इसका खास महत्व

अहोई अष्टमी का व्रत माताओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना के साथ व्रत रखती हैं. यह व्रत विशेष रूप से संतान की खुशहाली के लिए किया जाता है.;

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By :  स्टेट मिरर डेस्क
Updated On : 11 Dec 2025 6:30 PM IST

Ahoi Ashtami 2024: हिंदू धर्म में अहोई अष्टमी का व्रत माताओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना के साथ व्रत रखती हैं. यह व्रत विशेष रूप से संतान की खुशहाली के लिए किया जाता है. जो महिलाएं संतान प्राप्ति की इच्छा रखती हैं उनके लिए भी यह व्रत अत्यधिक फलदायी होता है. यह व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को आता है और करवा चौथ के चार दिन बाद और दिवाली से आठ दिन पहले मनाया जाता है.

कब है व्रत?

इस साल अहोई अष्टमी 24 अक्टूबर 2024, गुरुवार को मनाई जाएगी. पंचांग के अनुसार, अष्टमी तिथि की शुरुआत 24 अक्टूबर को सुबह 1 बजकर 19 मिनट पर होगी और यह 25 अक्टूबर को सुबह 1 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार, व्रत 24 अक्टूबर को रखा जाएगा. इस दिन महिलाएं अहोई माता और स्याही माता का विधिपूर्वक पूजन करती हैं और संतान के लिए प्रार्थना करती हैं.

पूजा का शुभ मुहूर्त

अहोई अष्टमी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर 2024 को शाम 5 बजकर 42 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 59 मिनट तक रहेगा. इस व्रत में तारों की पूजा का विशेष महत्व होता है. तारों को अर्घ्य देकर संतान की खुशहाली की प्रार्थना की जाती है. इस दिन तारों को देखने का सही समय शाम 6 बजकर 6 मिनट पर है, जब व्रत रखने वाली महिलाएं पूजा कर सकती हैं.

संतान प्राप्ति 

अहोई अष्टमी का व्रत विशेष रूप से संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है. इसके अलावा, जो महिलाएं संतान प्राप्ति की इच्छा रखती हैं, उनके लिए भी यह व्रत अत्यधिक लाभकारी माना गया है. इस दिन अहोई माता और स्याही माता का पूजन करने से माताओं को संतान संबंधी सभी सुख प्राप्त होते हैं. विधि-विधान से पूजा करने और संतान के प्रति सच्ची श्रद्धा रखने से मां अहोई प्रसन्न होकर आशीर्वाद देती हैं. ऐसे में घर में खुशहाली और शांति आती है. 

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

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