Chhath Puja 2024: छठ पूजा क्यों नहीं करती हैं कुंवारी कन्याएं? महाभारत से जुड़ी है ये पौराणिक मान्यता
छठ पूजा का व्रत कुंवारी लड़कियों द्वारा नहीं किया जाता है, लेकिन इसके पीछे एक पुरानी और दिलचस्प मान्यता है जो महाभारत काल से जुड़ी हुई है. इस परंपरा का आधार कुंती की कथा है, जिसने सूर्य देव की उपासना करते हुए एक ऐसी परिस्थिति का सामना किया जिसने इस प्रथा को जन्म दिया.;
Chhath Puja 2024: छठ पूजा का व्रत कुंवारी लड़कियों द्वारा नहीं किया जाता है, लेकिन इसके पीछे एक पुरानी और दिलचस्प मान्यता है जो महाभारत काल से जुड़ी हुई है. इस परंपरा का आधार कुंती की कथा है, जिसने सूर्य देव की उपासना करते हुए एक ऐसी परिस्थिति का सामना किया जिसने इस प्रथा को जन्म दिया. चलिए, जानते हैं कि इस पौराणिक मान्यता के पीछे की कहानी क्या है.
कुंवारी कुंती को मिला पुत्र रत्न
छठ पूजा के दौरान श्रद्धालु छठी मइया और सूर्य देव की पूजा करते हैं. पौराणिक कथा के अनुसार, महाभारत काल में कुंती ने कुंवारी अवस्था में ही सूर्य देव की उपासना की थी. कुंती को यह वरदान प्राप्त था कि वह किसी भी देवता को मंत्र पढ़कर बुला सकती थी. एक बार, सूर्य देव का आह्वान करने पर, उन्होंने कुंती को दर्शन दिए और आशीर्वाद मांगने का कहा. कुंती ने, अनजाने में ही, पुत्र का आशीर्वाद मांगा, और सूर्य देव ने उन्हें एक पुत्र प्रदान किया.
कुंती की दुविधा और बच्चे का त्याग
बिन ब्याही कुंती के लिए यह स्थिति असहज थी. समाज के डर और अपने भविष्य की चिंता के कारण कुंती ने उस बच्चे को गंगा नदी में बहा दिया. बच्चा नदी में बहते हुए विलाप कर रहा था, तभी एक सारथी ने उसकी आवाज सुनी और उसे सुरक्षित बाहर निकालकर अपने घर ले गया. यही बच्चा बाद में महाभारत के महान योद्धा कर्ण के रूप में जाना गया, जिसकी वीरता और दोस्ती की मिसाल आज भी दी जाती है.
महाभारत के वीर योद्धा बने कर्ण
सारथी की पत्नी राधा ने इस बालक को पाला, इसलिए उसका नाम राधेय रखा गया. बड़े होकर वही बालक कर्ण बना, जो दुर्योधन का मित्र और महान योद्धा कहलाया. माना जाता है कि कुंती के इस अनुभव के बाद, किसी भी माता-पिता ने अपनी कुंवारी बेटियों को छठ पूजा का व्रत करने की अनुमति नहीं दी.
छठ पूजा की यह मान्यता आज भी समाज में प्रचलित है और लोग इसे सम्मान के साथ निभाते हैं.
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.