Chhath Puja 2024: खरना के दिन ये खास नियम आपको दिला सकते हैं छठी मइया का आशीर्वाद, जानें पूरी विधि!

हिंदू धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व है और कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को पड़ने वाला दूसरा दिन 'खरना' के नाम से जाना जाता है. यह दिन व्रतियों के लिए खास होता है क्योंकि इसी दिन से छठ पर्व के कठिन नियम और अनुशासन का पालन किया जाता है. इस साल, खरना 6 नवंबर को मनाया जाएगा;

By :  स्टेट मिरर डेस्क
Updated On : 6 Nov 2024 1:35 PM IST

Chhath Puja 2024: हिंदू धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व है और कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को पड़ने वाला दूसरा दिन 'खरना' के नाम से जाना जाता है. यह दिन व्रतियों के लिए खास होता है क्योंकि इसी दिन से छठ पर्व के कठिन नियम और अनुशासन का पालन किया जाता है. इस साल, खरना 6 नवंबर को मनाया जाएगा.

खरना पूजा का समय और शुभ मुहूर्त छठ महापर्व के दूसरे दिन, सूर्योदय से पहले ब्रह्म मुहूर्त में व्रती स्नान करके पूजा की तैयारी शुरू करते हैं. इस वर्ष, ब्रह्म मुहूर्त का समय सुबह 05:03 से 05:51 तक है. सूर्योदय का समय सुबह 6:39 पर और सूर्यास्त का समय शाम 5:41 पर रहेगा. इन समयों में पूजा करना सबसे शुभ माना जाता है.

क्या है खरना का महत्व?

खरना का अर्थ है शुद्धिकरण. इस दिन व्रती निर्जल उपवास रखते हैं और शाम को स्नान करके छठी मैया की पूजा करते हैं. पूजा के बाद गुड़ की खीर और रोटी का प्रसाद बनता है, जिसे व्रती ग्रहण करते हैं. खरना के साथ ही 36 घंटे के निर्जला व्रत की शुरुआत होती है, जो सप्तमी को सूर्योदय के समय अर्घ्य देने के बाद ही समाप्त होता है.

खरना के नियम

विशेष शुद्धता का पालन छठ के नियम अत्यंत कठोर होते हैं और व्रती को इनका पूर्ण पालन करना होता है. इस दिन प्रसाद के लिए विशेष रूप से नए मिट्टी के चूल्हे का उपयोग किया जाता है और पीतल के बर्तन में गुड़ की खीर बनाई जाती है. खरना का प्रसाद तैयार करते समय कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है प्रसाद सिर्फ व्रती द्वारा ही तैयार किया जाता है, जिसमें शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है. प्रसाद बनाते समय इसे गंदे हाथों से या जूठा नहीं किया जाता. पवित्रता बनाए रखने के लिए, व्रत के दौरान अखंडित चीजों का ही उपयोग होता है.पूजा के दौरान व्रती महिलाएं केवल नए और अखंडित वस्त्र पहनती हैं. चटाई पर सोने का नियम भी इस दिन से शुरू होता है और बिस्तर का उपयोग वर्जित होता है.

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

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