Belpatra Ke Upay: किस दिन और कैसे करें बेलपत्र के पेड़ की पूजा, करते ही दूर होंगी ग्रहदोष की समस्याएं

सनातन धर्म में पेड़-पौधों को देवताओं का प्रतीक माना गया है और उन्हें पूजनीय माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि यदि नियमित रूप से भगवान की पूजा न हो सके, तो पेड़-पौधों को प्रणाम करने से भी ग्रह दोषों में कमी आती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.;

Belpatra Upay: सनातन धर्म में पेड़-पौधों को देवताओं का प्रतीक माना गया है और उन्हें पूजनीय माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि यदि नियमित रूप से भगवान की पूजा न हो सके, तो पेड़-पौधों को प्रणाम करने से भी ग्रह दोषों में कमी आती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. यहां जानते हैं कि किस दिन किस प्रकार का दीपक जलाने से ग्रहदोष से मुक्ति मिलती है और कौन-कौन से लाभ प्राप्त हो सकते हैं.

सोमवार को जलाएं सरसों तेल का दीपक

सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है. मान्यता है कि इस दिन बेलपत्र के पेड़ के नीचे सरसों तेल का दीपक जलाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. सरसों तेल का दीपक जलाने से वैवाहिक जीवन में आने वाली समस्याओं से भी मुक्ति मिल सकती है. शिव की कृपा से मन में शांति और परिवार में सुख-शांति का वातावरण बना रहता है. इस दिन बेलपत्र पर जल चढ़ाना और सरसों के तेल का दीपक जलाना विशेष फलदायी माना जाता है.

मंगलवार को तिल के तेल का दीपक जलाएं

मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है और इस दिन तिल के तेल का दीपक जलाने से विशेष लाभ मिलता है. ज्योतिष में तिल के तेल का संबंध मंगल ग्रह से होता है और इससे जुड़े दोषों से मुक्ति पाने के लिए बेलपत्र के पेड़ के नीचे तिल के तेल का दीपक जलाने की परंपरा है. ऐसा करने से व्यक्ति को अकाल मृत्यु और नकारात्मक ऊर्जा से भी रक्षा मिलती है. इसके अलावा, जीवन में स्थायित्व और साहस में वृद्धि होती है.

गुरुवार को हल्दी डालकर दीपक जलाएं

गुरुवार देवगुरु बृहस्पति का दिन है, जो ज्ञान, धन और वैभव के देवता हैं. इस दिन बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक में हल्दी डालकर जलाने से गुरुदोष दूर होते हैं. यह उपाय उन लोगों के लिए विशेष लाभकारी है जो कार्यक्षेत्र में समस्याओं का सामना कर रहे हों या वैवाहिक जीवन में कलह-क्लेश की स्थिति हो. इस दिन सरसों तेल में हल्दी डालकर दीपक जलाना और भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना लाभकारी माना गया है.

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

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