धनतेरस और दिवाली से पहले खरीदारी का शुभ-मुहूर्त, 14-15 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र का संयोग
धनतेरस और दिवाली से पहले 14-15 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है, जिसे ज्योतिष में सबसे शुभ नक्षत्र माना जाता है. इस दौरान सोना-चांदी, वाहन, घर या नए काम की शुरुआत करना विशेष रूप से लाभकारी होगा. मंगल पुष्य और बुध पुष्य योग के कारण ये समय धन, संपदा और सफलता लाने वाला है. इस नक्षत्र में किए गए कार्य और खरीदारी लंबे समय तक स्थायी लाभ देती हैं.;
हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य या शुभ खरीदारी करने के लिए मुहूर्त को विशेष ध्यान दिया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शुभ मुहूर्त में खरीदारी करने से सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य में वृद्धि होती है. हिंदू धर्म में दिवाली का त्योहार बहुत ही खास होता है. यह पांच दिनों तक चलने वाला पंच दीपोत्सव नई ऊर्जा, उमंग और उत्साह लेकर आता है. इस वर्ष 20 अक्टूबर को दीपावली है और उसके दो पहले धनतेरस.
दिवाली पर शुभ चीजों की खरीदारी का विशेष महत्व होता है. लेकिन दिवाली से पहले ही ग्रहों और नक्षत्रों का ऐसा शुभ संयोग बनने जा रहा है जहां पर खरीदारी के लिए विशेष मुहूर्त का निर्माण होगा. आपको बता दें कि 14 और 15 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र का बहुत ही सुखद संयोग बनने जा रहा है. पुष्य नक्षत्र में सोना-चांदी समेत अन्य दूसरी चीजों की खरीदारी को बहुत ही शुभ माना जाता है. ज्योतिष में पुष्य नक्षत्र को सभी 27 नक्षत्रों का राजा माना जाता है.
14-15 अक्टूबर पुष्य नक्षत्र संयोग
ज्योतिष में पुष्य नक्षत्र को बहुत ही शुभ नक्षत्रों में गिना जाता है. 14 अक्टूबर को मंगलवार और 15 अक्टूबर को बुधवार होने के कारण इसे मंगल पुष्य योग और बुध पुष्य योग के नाम से जाना जाता है. ज्योतिष शास्त्र की गणना के अनुसार, 14 अक्टूबर मंगलवार के दिन पुष्य नक्षत्र की शुरुआत सुबह 11 बजकर 54 मिनट से होगी, जिसका समापन 15 अक्टूबर, बुधवार दोपहर 12 बजे होगा. ज्योतिष में पुष्य नक्षत्र को धन, संपदा, सुख-समृद्धि और सफलता दिलाने वाला माना जाता है. इस नक्षत्र में किया गया कार्य और शुभ खरीदारी बहुत ही लंबे समय तक स्थायी लाभ देता है. पुष्य नक्षत्र योग में कहीं निवेश करना, सोना-चांदी खरीदना और नए काम का शुभारंभ करना बहुत ही शुभ माना जाता है.
पुष्य नक्षत्र में ये काम करना शुभ
- - नया काम करना, नई नौकरी शुरू करना.
- - सोना-चांदी के आभूषण खरीदना.
- - वाहन, भूमि और भवन की खरीदारी करना.
- - धार्मिक कार्य करना और दान-पुण्य करना.
ज्योतिष में पुष्य नक्षत्र
ज्योतिष में पुष्य नक्षत्र को सभी 27 नक्षत्रों का राजा माना जाता है. यह 27 नक्षत्रों में आठवें स्थान का नक्षत्र होता है. इस नक्षत्र के स्वामी शनि ग्रह और देवता बृहस्पति हैं. जब यह नक्षत्र बुधवार के दिन पड़ता है, तो इसे बुध पुष्य योग कहा जाता है. इस पुष्य नक्षत्र के योग में धन, व्यापार, शिक्षा और अध्यात्म के क्षेत्र में शुभ फल देता है. इस दिन किए गए शुभ कार्य जीवन में सफलता और समृद्धि लाते हैं. बुध पुष्य योग में ग्रहों और नक्षत्रों की सकारात्मक ऊर्जा व्यक्ति के जीवन में उन्नति के नए रास्ते खुलते हैं.