Akshaya Tritiya 2025: कब है अक्षय तृतीया, जानें इस दिन किन चीजों को खरीदने से घर में आती है खुशहाली
अक्षय तृतीया के दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है. कुछ लोग इस दिन उपवास रखकर तात्त्विक शुद्धता प्राप्त करते हैं और अपने पापों से मुक्ति की कामना करते हैं.;
अक्षय तृतीया हिंदू पंचांग के अनुसार एक महत्वपूर्ण और पवित्र पर्व है, जिसे हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. यह दिन विशेष रूप से व्यापारिक दृष्टि से शुभ माना जाता है और इसे समृद्धि, सुख-शांति और नए कार्यों की शुरुआत के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है.
अक्षय तृतीया दो शब्दों से मिलकर बना है. अक्षय यानी जो कभी नष्ट न हो और 'तृतीया यानी तीसरी तिथि. इस दिन को 'अक्षय' के रूप में मनाना यह दर्शाता है कि इस दिन किया गया कार्य, दान, और पुण्य कभी नष्ट नहीं होते है. इस साल 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया है.
अक्षय तृतीया का धार्मिक महत्व
अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और उनके अवतारों की पूजा विशेष रूप से की जाती है. विशेष रूप से भगवान कृष्ण और भगवान राम की पूजा का महत्व है. साथ ही, यह दिन भगवान विष्णु के अवतारों के आगमन का दिन भी माना जाता है.
महाभारत से है संबंध
अक्षय तृतीया का एक ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व भी है. कहा जाता है कि इस दिन महाभारत के समय भगवान श्री कृष्ण ने पांडवों को अक्षय पात्र दिया था, जिसमें भोजन कभी खत्म नहीं होता है. इसी कारण से इस दिन को विशेष रूप से समृद्धि और आशीर्वाद प्राप्त करने का दिन माना जाता है.
अक्षय तृतीया पर करें ये काम
अक्षय तृतीया को नए व्यापार, घर की खरीद, और अन्य शुभ कार्यों की शुरुआत करने के लिए बहुत शुभ माना जाता है. इस दिन को खासकर विवाह, गृह प्रवेश और अन्य शुभ कार्यों के लिए चुना जाता है, क्योंकि इसे हर तरह से भाग्यवर्धक और समृद्धि लाने वाला दिन माना जाता है.
इस दिन खरीदें ये चीजें
इस दिन दान करने का विशेष महत्व है. खासकर अनाथों, ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को दान देने से पुण्य की प्राप्ति होती है. सोने, चांदी, अनाज, वस्त्र, और पैसे का दान करने से व्यक्ति के जीवन में सुख और समृद्धि आती है.