प्रेमानंद महाराज का असली नाम क्या है? जानें कैसे अनिरुद्ध पांडे बने राधारानी-कृष्ण के भक्त
प्रेमानंद जी महाराज, राधारानी और कृष्ण के परम भक्त, आज लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र हैं. उनका असली नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे है. वे उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में एक ब्राह्मण परिवार में जन्मे थे.;
Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज, राधारानी और कृष्ण के परम भक्त, आज लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र हैं. उनका असली नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे है. वे उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में एक ब्राह्मण परिवार में जन्मे थे. उनके पिता का नाम शंभू पांडे और माता का नाम रामा देवी है. आध्यात्मिक परिवार में जन्म लेने के कारण उनके जीवन पर भक्तिभाव का गहरा असर पड़ा.
कैसे शुरू हुई आध्यात्मिक यात्रा?
5वीं कक्षा से गीता पाठ शुरू करने वाले अनिरुद्ध पांडे ने 13 साल की उम्र में संन्यास का मार्ग चुना और घर छोड़कर वाराणसी आ गए. यहां उनका नाम आर्यन ब्रह्मचारी रखा गया. उनका शुरुआती जीवन बेहद कठिनाइयों भरा था. वे प्रतिदिन गंगा स्नान कर तपस्या करते और भिक्षा मांगकर जीवन यापन करते थे. कई बार भिक्षा न मिलने पर उन्हें केवल गंगाजल पीकर रहना पड़ता था.
वाराणसी से वृंदावन तक का सफर
वाराणसी में एक साधु ने उन्हें श्री चैतन्य लीला और रासलीला देखने का निमंत्रण दिया. इस अनुभव ने उनके जीवन को बदल दिया. साधु के सुझाव पर आर्यन ब्रह्मचारी वृंदावन आ गए. यहां वे राधा वल्लभ संप्रदाय से जुड़े और राधारानी व श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन हो गए. वृंदावन आने के बाद उनका नाम प्रेमानंद महाराज पड़ा.
आज प्रेमानंद महाराज का जीवन
आज प्रेमानंद जी महाराज वृंदावन में स्थित अपने आश्रम से लाखों अनुयायियों को प्रेरणा दे रहे हैं. उनके प्रवचनों में कठिन से कठिन बात भी सरल हो जाती है. वे मानसिक अशांति से जूझ रहे लोगों को सही मार्ग दिखाते हैं और उन्हें भगवान कृष्ण और राधारानी की भक्ति से जोड़ते हैं.
प्रेमानंद महाराज की प्रेरणा
उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि सच्ची भक्ति और समर्पण से कोई भी व्यक्ति ईश्वर का प्रिय बन सकता है. उनकी कहानी भक्तिभाव, त्याग और समर्पण का प्रतीक है.
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.