8 बार 1 किमी की दौड़, फिर हर राउंड के बाद फंक्शनल वर्कआउट, जानें क्या है यह नया फिटनेस एक्सपेरिमेंट

HYROX एक ऐसा ग्लोबल फिटनेस रेस फॉर्मेट है जो दौड़ और फंक्शनल एक्सरसाइज़ (जैसे स्लेड पुश, बर्पीज, रोइंग, स्क्वैट्स आदि) को जोड़ता है. इसमें प्रतिभागियों को 8 बार 1-1 किलोमीटर दौड़ना होता है और हर दौड़ के बाद एक नया स्टेशन पूरा करना होता है. यह ट्रेंड भारत में भी लोकप्रिय हो रहा है, क्योंकि इसमें हर फिटनेस लेवल का इंसान हिस्सा ले सकता है और यह शारीरिक के साथ मानसिक सहनशक्ति भी बढ़ाता है.;

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Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 22 Aug 2025 2:23 PM IST

HYROX एक नई तरह की फिटनेस रेस है, जिसमें दौड़ और वर्कआउट को मिलाकर मजेदार और चैलेंजिंग एक्सपीरियंस बनाया गया है. इसमें कुल 8 बार 1 किलोमीटर की दौड़ होती है, और हर दौड़ के बाद एक अलग फंक्शनल वर्कआउट करना होता है. इससे शरीर की ताकत, सहनशक्ति और फुर्ती बढ़ती है.

HYROX की खास बात ये है कि इसका फॉर्मेट दुनिया भर में एक जैसा होता है, जिससे आप आसानी से अपनी प्रोग्रेस को ट्रैक कर सकते हैं. चलिए जानते हैं क्या है यह फिटनेस ट्रेंड और इसके फायदे और नुकसान. साथ ही, किसके इस रेस में पार्ट नहीं लेना चाहिए.

क्या होता है HYROX?

HYROX एक प्रकार की स्टैंडर्ड फिटनेस रेस है, जिसमें आठ फेज़ की दौड़ होती है और हर राउंड के बाद एक फंक्शनल वर्कआउट करना होता है. इन वर्कआउट्स में SkiErg मशीन पर एक्सरसाइज, स्लेज पुश और पुल, बर्पी ब्रॉड जंप, रोइंग, फार्मर्स कैरी, सैंडबैग लंजेस और वॉल बॉल थ्रो शामिल हैं. यह फॉर्मेट दुनिया भर में एक जैसा होता है, जिससे लोगों की फिटनेस का लेवल कहीं से भी मापा जा सकता है.

क्यों हो रहा है यह पॉपुलर?

भारत में HYROX इसलिए पॉपुलर हो रहा है, क्योंकि इसमें हर लेवल का इंसान हिस्सा ले सकता है. कोई भी चाहे शुरुआत कर रहा हो या प्रोफेशनल हो, वह इसमें अपनी कैटेगरी के अनुसार खेल सकता है. इसके अलावा, इसमें कम्युनिटी और टीम स्पिरिट का इमोशन है. लोग एक-दूसरे को चीयर करते हुए मोटिवेट करते हैं. यह वर्कआउट को बोरिंग नहीं होने देता, हमेशा कुछ नया और चैलेंजिंग महसूस होता है. इसमें स्टैण्डर्ड टाइमिंग और प्रोग्रामिंग होती है, इसलिए आप आसानी से अपनी प्रोग्रेस को ट्रैक कर सकते हैं.

HYROX के फायदे

HYROX शरीर और दिमाग दोनों के लिए फायदेमंद है. यह कार्डियो फिटनेस और मसल स्ट्रेंथ दोनों को एक साथ सुधारता है. VO2 endurance यानी शरीर की ऑक्सीजन उपयोग करने की क्षमता को बढ़ाता है. यह फोकस और मेंटल स्टैमिना भी मजबूत करता है, क्योंकि लगातार दौड़ और स्टेशनों का कॉम्बिनेशन आपको मेंटली एक्टिव रखता है. साथ ही यह "रियल वर्ल्ड स्ट्रेंथ" भी डेवलप करता है, जैसे खींचना, धक्का लगाना, उठाना और चलना, जो रोज़मर्रा की जिंदगी में भी काम आते हैं.

किनके लिए नहीं है यह फिटनेस फॉर्मेट?

हालांकि HYROX एडवेंचर्स है, लेकिन यह हर किसी के लिए सही नहीं है. जिन लोगों को दिल की बीमारियां, अनकंट्रोल्ड ब्लड प्रेशर या गंभीर जोड़/घुटने की समस्या है, उन्हें इसमें हिस्सा लेने से पहले डॉक्टरी सलाह लेना ज़रूरी है.

नए लोगों को कैसे करना चाहिए शुरुआत?

अगर आप HYROX में नए हैं तो ज़रूरी नहीं कि तुरंत फुल रेस में उतरें. धीरे-धीरे शुरुआत करें. दौड़ और बॉडीवेट एक्सरसाइज़ (जैसे स्क्वैट्स, बर्पीज़) को साथ में करना शुरू करें. रोज हल्के-हल्के अपने वर्कआउट की इंटेंसिटी और समय बढ़ाएं. इसके अलावा, फॉर्म पर ध्यान दें, क्योंकि गलत टेकनीक से चोट लग सकती है, प्रोफेशनल ट्रेनर की मदद लें या डॉक्टर से अनुमति जरूर लें, खासतौर से अगर आपको पहले से कोई हेल्थ प्रॉब्लम है.

HYROX से जुड़े मोटिवेशन फैक्टर

HYROX की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह सिर्फ फिटनेस नहीं बल्कि एक्सपीरियंस भी देता है. जब आप ट्रैक पर होते हैं और आसपास का माहौल, भीड़ का शोर, और बाकी पार्टिसिपेंट की मेहनत देखते हैं, तो खुद-ब-खुद एनर्जी दोगुनी हो जाती है. साथ दौड़ने और खेलते समय एक अलग तरह की कम्युनिटी फीलिंग पैदा होती है. इसे लोग "मेंटली ऐडिक्टिव" भी कहते हैं क्योंकि हर बार मुकाबला पूरा करने के बाद फिर से बेहतर करने की चाहत जगती है.

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