सोशल मीडिया से याददाश्त पर वार! डॉक्टर ने बताया ऐसे दें माइंड को ब्रेक

डॉ. बिंग का कहना है कि अगर आप बिना सोचे-समझे लगातार सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करते रहते हैं, तो यह आदत आपकी याददाश्त और दिमाग की सेहत को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचा सकती है। इससे न सिर्फ आपका ध्यान भटकता है, बल्कि मानसिक रूप से भी आप थका हुआ महसूस करने लगते हैं। आखिर ऐसा क्यों होता है? आइए समझते हैं इसकी वजह.;

Edited By :  रूपाली राय
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क्या आप भी कभी खुद को बिना थमे मोबाइल पर स्क्रॉल करते हुए पाया है, जहां एक खबर के बाद दूसरी खबर पढ़ते-पढ़ते समय का होश ही नहीं रहता? यही है ‘डूमस्क्रॉलिंग’, एक आदत जो न सिर्फ आपकी मानसिक स्थिति को प्रभावित करती है, बल्कि आपकी याददाश्त पर भी असर डालती है. न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. बिंग, जो सोशल मीडिया पर ब्रेन हेल्थ से जुड़ी बातें रेगुलरली रूप से शेयर करते हैं. उन्होंने 23 फरवरी को अपनी एक पोस्ट में बताया कि किस तरह से यह आदत हमारी यादाश्त को कमजोर कर सकती है.

उन्होंने कहा, 'क्या आपने महसूस किया है कि जब आप घंटों तक सोशल मीडिया स्क्रॉल करते हैं तो आपको चीज़ें कम याद रहती हैं? यह केवल आपका वहम नहीं है, इसके पीछे वैज्ञानिक कारण हैं.' डॉ. बिंग बताते हैं कि जब हम एक साथ कई डिजिटल एक्टिविटी में लगे रहते हैं, जैसे एक ही समय में पोस्ट पढ़ना, वीडियो देखना और नोटिफिकेशन चेक करना, तो हमारा मंद किसी एक चीज़ पर ध्यान नहीं दे पाता, जिसका नतीजा यह होता है कि, हम जानकारी को स्थायी रूप से याद रखने में असफल हो जाते हैं.

माइंड में स्ट्रक्चरल बदलाव हो सकते हैं

उन्होंने उदाहरण देकर समझाते हुए, वे कहते हैं, 'सोचिए आपका मंद एक ब्लैकबोर्ड की तरह है. जब आप गहराई से किसी चीज़ पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो आप उस जानकारी को साफ-साफ लिखते हैं. लेकिन जब आप लगातार विषय बदलते रहते हैं, तो वह लिखावट धुंधली और अधूरी रह जाती है.' डॉ. बिंग यह भी बताते हैं कि ज्यादा सोशल मीडिया इस्तेमाल से माइंड में स्ट्रक्चरल बदलाव हो सकते हैं, खासकर प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स में जो हमारे ध्यान, निर्णय लेने और याद रखने की क्षमता को नियंत्रित करता है.

ऐसे होगा समाधान 

लेकिन हर समस्या का समाधान भी होता है जैसे इस मामले में भी डॉ. बिंग कहते हैं कि स्क्रॉलिंग से बचने के लिए, मोबाइल या सोशल मीडिया को बिना सोचे-समझे स्क्रॉल करने की बजाय ऐसी चीजें करें जो दिमाग को फोकस करने में मदद करें, जैसे: कुछ अच्छा और थोड़ा लंबा पढ़ें, जो सीखा है उसका छोटा-सा नोट बना लें, और बीच-बीच में आराम करें ताकि दिमाग फ्रेश हो जाए. 

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