अब प्यार में आग का दरिया नहीं, Zen Z के इस डेटिंग टर्म से पड़ेगा गुजरना, जानें Throning का मतलब

किसी शायर ने क्या खूब कहा था 'ये इश्क नहीं आसान बस इतना समझ लीजिए, एक आग का दरिया है डूब कर जाना है' लेकिन अब आग में डूबने की जरूरत नहीं है. बस Zen Z के रिलेशनशिप में इजाद किए हुए डेटिंग टर्म को समझ लीजिए और फिर देखिए आपकी लाइफ कितनी आसान हो जाएगी.;

( Image Source:  freepik )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 13 Nov 2024 8:33 PM IST

Zen Z प्रेमियों ने प्यार की परिभाषा ही बदल दी है. एक समय था जब प्यार में शर्ते नहीं होती थीं, लेकिन जमाना बदल गया है. अब प्यार में दाग के दरिए में डुबकी नहीं लगाई जाती है, क्योंकि अब Zen Z का वक्त आ गया है. अब प्यार में दिमाग लगाया जाता है, जहां प्यार के बदले सब कुछ मुमकिन है. Zen Z ने डेटिंग में इतने नए-नए टर्म बनाए हैं, जिनके बारे में जानकर आप अपना माथा पकड़ लेंगे. 

आजकल के डेटिंग सीन में एक नया ट्रेंड सुनने को मिल रहा है- थ्रोनिंग. अगर ये शब्द आपको अजनबी लग रहा है, तो कोई बात नहीं, हम आपको समझाते हैं. चलिए जानते हैं कैसे नई जनरेशन के प्रेमी रिलेशनशिप में थ्रोनिंग का इस्तेमाल करते हैं.

क्या है थ्रोनिंग का मतलब?

थ्रोनिंग का मतलब किसी ऐसे व्यक्ति के साथ डेटिंग करना जो आपकी रेप्युटेशन बढ़ाए. यानी, शो ऑफ करना.  थ्रोनिंग में पॉपुलर होने और अटेंशन पाने के लिए सोशल मीडिया पर अपने पार्टनर का दिखावा किया जाता है. 

थ्रोनिंग के जरिए करते हैं Ego बूस्ट

आजकल रिलेशनशिप में दिखावा बहुत ज्यादा हो गया है. रिश्ते में थ्रोनिंग के जरिए अपने घमंड को बूस्ट किया जाता है. थ्रोनिंग यानी थ्रोन पर बैठना. सोशल एक्सेप्टेंस, सेल्फ कॉन्फिडेंस और सोशल मीडिया पर अपने इंफ्लुएंस को बढ़ाने के लिए थ्रोनिंग का इस्तेमाल किया जाता है.

डेटिंग ऐप्स और थ्रोनिंग

सोशल मीडिया और डेटिंग ऐप्स ने सब कुछ बदल दिया है.  साइंस एडवांसेज जर्नल में पब्लिश एक स्टडी में पाया गया कि डेटिंग ऐप यूजर्स "खुद से 25% ज्यादा डिजायरेबल" मैच खोजने का की कोशिश करते हैं. इस टर्म में वह खुद के घमंड को बूस्ट करने की कोशिश करते हैं.

हेल्दी थ्रोनिंग 

आप चाहें, तो थ्रोनिंग के जरिए कुछ बदलाव ला सकते हैं. अक्सर लोग पब्लिकली अपने पार्टनर के बारे में कुछ भी एक्सप्रेस नहीं करते हैं. ऐसे में आप सोशल मीडिया पर उनके बारे में पोस्ट कर उन्हें अच्छा फील करवा सकते हैं. ऐसा करने से रिलेशनशिप बैलेंस में रहता है.

थ्रोनिंग का असली मकसद

सबसे पहले थ्रोनिंग का असली समझें. थ्रोनिंग का मकसद यह नहीं है कि आप किसी को दबाएं, बल्कि यह है कि आप अपने रिश्ते में खुद को और अपनी जगह को समझें. यह आपकी सेल्फ कॉन्फिडेंस को बढ़ाता है और आपको यह सिखाता है कि आप किसी भी रिलेशनशिप में अपने रूल्स सेट करें. जब दोनों पार्टनर्स अपनी जगह और वर्थ को समझते हैं, तो रिलेशनशिप मस्त चलता है.

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