प्यार में पागल Gen Z! अब इंसानों से नहीं, AI से रचाएंगे शादी, बोले- "कनेक्शन असली है"
AI इतना ज्यादा हमारी जिंदगी में घुस गया है कि अब लोगों को इससे कनेक्शन फील होने लगा है. ऐसा हम अपने मन से नहीं कह रहे हैं. दरअसल हाल ही में एक सर्वे हुआ, जिसमें पाया गया कि Gen Z अब इंसानों की जगह AI से शादी रचाने के लिए तैयार हैं.;
इंसानों से रिश्ता जोड़ना पुरानी बात हो गई है, अब Gen Z को दिल लगाना है AI चैटबॉट्स से! एक चौंकाने वाले सर्वे में खुलासा हुआ है कि 83 फीसदी Gen Z यूजर्स मानते हैं कि वे एक AI पार्टनर से गहरा रिश्ता बना सकते हैं, और 80 फीसदी तो यहां तक कह चुके हैं कि अगर कानून इजाज़त दे, तो वे AI से शादी भी कर लेंगे!
ये सर्वे Joi AI नाम की एक डिजिटल प्लेटफॉर्म ने किया है, जो लोगों को वर्चुअल रोमांस, डेटिंग प्रैक्टिस और सेक्स-पॉजिटिव इंटरैक्शन के मौके देता है. अप्रैल में हुए इस सर्वे में 2,000 युवाओं से बात की गई, जिनमें से 75 फीसदी ने कहा कि AI रिलेशनशिप्स इंसानी रिश्तों की पूरी तरह जगह ले सकते हैं.
चौंकाने वाले आंकड़े
83% Gen Z ने कहा कि वे एक AI चैटबॉट के साथ गहरा और सच्चा कनेक्शन महसूस कर सकते हैं. 80% युवाओं ने कहा, अगर सरकार इजाज़त दे तो वे AI से शादी कर लेंगे. 75% को लगता है कि AI रिलेशनशिप इंसानी रिश्तों की पूरी तरह जगह ले सकते हैं. Joi AI, जो खुद को 'सेक्स-पॉजिटिव वर्चुअल डेटिंग स्पेस' कहती है, एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां यूजर्स कस्टमाइज़्ड AI अवतार्स से प्यार, सेक्स और फैंटेसीज़ पर बिना किसी जजमेंट के बात कर सकते हैं.
AI-पार्टनर को कर सकते हैं कस्टमाइज़
Joi AI ऐप में यूजर अपनी पसंद के अनुसार AI-पार्टनर को कस्टमाइज़ कर सकते हैं, बिना किसी जजमेंट, रिजेक्शन या तनाव के. और शायद यही वजह है कि 'फीलींग्स फॉर एआई' जैसे गूगल सर्च टर्म्स में 120 फीसदी का उछाल आया है. वहीं 'फेल इन लव विद एआई' की सर्च अप्रैल में 132 फीसदी बढ़ गई.
AI चैटबॉट के खतरे
लेकिन जहां एक तरफ ये ट्रेंड 'नया प्यार' दिखा रहा है. वहीं दूसरी तरफ भयानक खतरे भी छुपे हैं. एक मामले में फ्लोरिडा (अमेरिका) के 14 साल के लड़के ने आत्महत्या कर ली, क्योंकि वो एक AI चैटबॉट से इमोशनल बॉन्ड बना बैठा था. गेम्स ऑफ थ्रोन थीम पर बने इस बॉट ने उसे 'घर लौट आओ' जैसे मैसेज भेजे थे और धीरे-धीरे वो लड़का उस एआई के प्रति सेक्सुअल और सुसाइडल भावनाएं जताने लगा.
एक्सपर्ट्स की चेतावनी है कि तकनीक के साथ पले-बढ़े Gen Z युवा, असली और नकली भावनाओं के बीच की रेखा मिटा रहे हैं. रिश्ते अब स्क्रीन पर बनने लगे हैं, लेकिन क्या इन वर्चुअल दिलों में इंसानियत बची रहेगी?