Stress से Sperm Count तक : कहीं आप भी तो नहीं कर रहे फर्टिलिटी पर असर डालने वाली 6 बड़ी गलतियां?

बदलती लाइफस्टाइल, तनाव, खराब खानपान और देर से पैरेंटहुड ने इनफर्टिलिटी के मामलों को बढ़ा दिया है. पुरुषों में लो स्पर्म काउंट और महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन बड़ी वजहें हैं. अनियमित पीरियड्स, टेस्टिकल्स में दर्द और स्पर्म क्वालिटी में गिरावट इसके संकेत हो सकते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार संतुलित आहार, योग, नियमित व्यायाम, तनाव कम करना, धूम्रपान-शराब से दूरी और समय पर पैरेंटहुड प्लान करना फर्टिलिटी को बेहतर रखने में मददगार है.;

( Image Source:  Meta AI )
Edited By :  सागर द्विवेदी
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बढ़ती जीवनशैली की चुनौतियों और बदलते खानपान की आदतों ने आज के समय में ‘इनफर्टिलिटी’ यानी बांझपन को एक गंभीर समस्या बना दिया है. न केवल महिलाओं में बल्कि पुरुषों में भी फर्टिलिटी से जुड़ी दिक्कतें तेजी से बढ़ रही हैं. देर से शादी करना, करियर प्रेशर, तनाव, खराब लाइफस्टाइल और मेडिकल कंडीशंस के कारण बच्चे के जन्म में मुश्किलें आ रही हैं. यही वजह है कि IVF (इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन) जैसी तकनीक अब उम्मीद की किरण बनकर उभर रही है.

एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनफर्टिलिटी के मामले हर साल तेजी से बढ़ रहे हैं और यह चिंता का विषय बनता जा रहा है. इसके पीछे कुछ आम कारण हैं - तनाव, लेट पैरेंटहुड, अनहेल्दी लाइफस्टाइल, हार्मोनल इम्बैलेंस, मोटापा और मेडिकल कंडीशंस जैसे PCOS (Polycystic Ovarian Syndrome) या एंडोमेट्रियोसिस. पुरुषों में लो स्पर्म काउंट, खराब स्पर्म क्वालिटी और लाइफस्टाइल फैक्टर्स जैसे स्मोकिंग, शराब का सेवन, एनवायरनमेंटल टॉक्सिन्स और लंबे समय तक फिजिकल एक्टिविटी के बिना काम करना भी फर्टिलिटी को नुकसान पहुंचाते हैं.”

इनफर्टिलिटी के लक्षण क्या हैं?

एक्सपर्ट बताते हैं कि महिलाओं में अनियमित पीरियड्स, दर्दनाक मासिक धर्म, लिबिडो में बदलाव, या बिल्कुल पीरियड्स न आना इनफर्टिलिटी के संकेत हो सकते हैं. वहीं पुरुषों में यौन फंक्शन में बदलाव, टेस्टिकल्स में दर्द या सूजन और स्पर्म क्वालिटी में गिरावट इनफर्टिलिटी की ओर इशारा करते हैं.

यहां इनफर्टिलिटी से बचने के लिए आसान और प्रभावी टिप्स दिए जा रहे हैं, जिन्हें रोज़मर्रा की ज़िंदगी में अपनाकर आप प्रजनन क्षमता को बेहतर रख सकते हैं:

  • संतुलित और पौष्टिक आहार लें : डाइट में ग्रीन वेजिटेबल्स, फ्रूट्स, प्रोटीन, ओमेगा-3 फैटी एसिड, ड्राई फ्रूट्स शामिल करें. जंक फूड, पैकेज्ड फूड और ज्यादा मीठी चीज़ों से बचें.
  • स्वस्थ वजन बनाए रखें : अत्यधिक मोटापा या बहुत कम वजन हार्मोनल बैलेंस को बिगाड़ता है, जिससे प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है.
  • तनाव (Stress) को कम करें : योग, मेडिटेशन और डीप ब्रीदिंग जैसी तकनीकें अपनाएं. पर्याप्त नींद (7-8 घंटे) जरूर लें.
  • नशे से दूर रहें : स्मोकिंग और अल्कोहल स्पर्म क्वालिटी और ओवुलेशन को प्रभावित करते हैं, इसलिए इन्हें पूरी तरह छोड़ें.
  • नियमित व्यायाम करें : जॉगिंग, वॉकिंग, योग जैसी हल्की एक्सरसाइज करें. बहुत ज्यादा हैवी वर्कआउट से बचें.
  • सही समय पर पैरेंटहुड प्लान करें : बहुत देर तक पैरेंटहुड को टालने से एग क्वालिटी और स्पर्म काउंट प्रभावित हो सकते हैं.
  • मोबाइल और लैपटॉप सेफ्टी : लैपटॉप को गोद में रखकर ज्यादा देर तक इस्तेमाल न करें. मोबाइल को जेब में लंबे समय तक रखने से भी बचें.

डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के उद्देश्य से दी गई है. किसी भी चिकित्सकीय सलाह या उपचार के लिए हमेशा योग्य चिकित्सा विशेषज्ञ से परामर्श लें.

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