अगर थाली में नहीं होगी रोटी, तो सेहत पर कैसा पड़ेगा प्रभाव?
कई लोग रोटी छोड़ने की भी सलाह देते हैं। आज आपको बताते हैं कि अगर आप एक महीने के लिए रोटी या गेहूं से बनी कोई भी चीज छोड़ दें, तो आपके सेहत पर कैसा प्रभाव पड़ेगा।;
रोटी भारतीय थाली का एक अहम हिस्सा होती है, जिसके लिए बिना कई लोगों का खाना अधूरा होता है। रोजाना गेहूं की रोटी खाने से सेहत को ढेरों फायदे मिलते हैं। हालांकि, कई लोग रोटी छोड़ने की भी सलाह देते हैं। आज आपको बताते हैं कि अगर आप एक महीने के लिए रोटी या गेहूं से बनी कोई भी चीज छोड़ दें, तो आपके सेहत पर कैसा प्रभाव पड़ेगा।
पाचन में सुधार
गेहूं में कार्बोहाइड्रेट की अच्छी खासी मात्रा पाई जाती है, जिसकी वजह से बहुत ज्यादा मात्रा में इसे खाने से आंतों में रुकावट या पाचन धीमा हो सकता है, जिससे गैस, ब्लोटिंग, मतली, पेट दर्द, उल्टी और ऐंठन हो सकती है। ऐसे में गेहूं न खाने से पाचन तंत्र को आराम मिल सकता है।
ब्लड शुगर होगा नियंत्रित
गेहूं शरीर में ग्लूकोज का एक बड़ा सोर्स होता है। ऐसे में अपनी डाइट से गेहूं को पूरी तरह हटाने से ब्लड शुगर लेवल स्टेबल हो सकता है, जो खासतौर पर डायबिटीज के मरीजों के लिए सहायक है। इसके अलावा इससे ग्लूटेन इनसेंसिटिविटी और यहां तक कि मोटापे को रोकने में भी मदद मिल सकती है।
वजन कम करने में मिलेगी मदद
सफेद ब्रेड, पिज्जा, क्रैकर्स, बर्गर, पास्ता जैसे प्रोसेस्ड कार्ब्स आपके वजन पर बुरा असर डाल सकते हैं। साथ ही इन्हें खाने से बार-बार भूख भी लग रहती है। ऐसे में वीट फ्री डाइट फॉलो करने से आपकी कैलोरी की मात्रा कम हो जाएगी, जो वेट मैनेजमेंट में मदद कर सकता है।
सीलिएक डिजीज का खतरा कम
गेहूं खाने से सीलिएक डिजीज विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। यह एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है, जो आनुवंशिक रूप से पूर्वनिर्धारित लोगों में होता है, जहां ग्लूटेन (गेहूं का एक प्रोटीन कम्पोनेंट) की वजह से छोटी आंत को नुकसान होता है। ऐसे में गेहूं न खाने से इस बीमारी का खतरा कम होता है।