शादी न करने वाले 80 फीसदी लोगों में डिप्रेशन का खतरा, स्टडी ने उड़ाए होश

इस अध्ययन ने यह स्पष्ट किया कि शादी केवल एक सामाजिक व्यवस्था नहीं है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्थिरता के लिए भी अहम भूमिका निभाती है. हालांकि, यह भी जरूरी है कि वैवाहिक जीवन स्वस्थ और सहयोगपूर्ण हो. शोध के निष्कर्ष से यह स्पष्ट है कि व्यक्तिगत खुशहाली और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए रिश्तों की अहमियत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.;

Depression

आज के दौर में शादी और मानसिक स्वास्थ्य के बीच संबंधों को लेकर कई शोध हो रहे हैं. मकाऊ पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए एक हालिया अध्ययन में दिलचस्प नतीजे सामने आए हैं. अध्ययन के मुताबिक, शादी न करने वाले लोगों में डिप्रेशन की संभावना 80% अधिक होती है.

अविवाहित लोगों में डिप्रेशन का उच्च जोखिम

इस अध्ययन में करीब एक लाख प्रतिभागियों को शामिल किया गया. अमेरिका, ब्रिटेन, आयरलैंड, मैक्सिको, दक्षिण कोरिया, चीन और इंडोनेशिया जैसे देशों के लोग इसका हिस्सा थे. शोध में यह पाया गया कि 18 वर्ष से अधिक आयु के 80% अविवाहित लोग तनाव और अवसाद जैसी मानसिक समस्याओं से जूझते हैं. वहीं, विवाहित व्यक्तियों में यह आंकड़ा 40% से भी कम था.

तलाकशुदा और अपने जीवनसाथी से अलग रहने वाले व्यक्तियों में भी मानसिक दिक्कतें आम पाई गईं. विशेषज्ञों का मानना है कि विवाह में एक तरह का सपोर्ट सिस्टम होता है, जो मानसिक स्थिरता और भावनात्मक सुरक्षा प्रदान करता है.

विवाह से जुड़े फायदे

अध्ययन में यह भी बताया गया कि शादीशुदा लोग आमतौर पर आर्थिक रूप से अधिक मजबूत होते हैं. इसके अलावा, वे भावनात्मक और सामाजिक सुरक्षा का भी आनंद उठाते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, उच्च शिक्षित अविवाहित पुरुष भी भावनात्मक असुरक्षा का शिकार हो सकते हैं.

साइकोलॉजिस्ट डॉ. बेला डी पाउलो ने बताया, “यह माना जाता है कि शादी लोगों को स्थायित्व प्रदान करती है. हमारा अध्ययन यह दिखाता है कि लंबे समय तक शादीशुदा रहने वाले लोगों की शारीरिक और मानसिक सेहत बेहतर होती है.”

अकेलेपन के प्रभाव

अकेले रहने वाले लोग अक्सर खुद पर दया करने लगते हैं, जो उनके मानसिक स्वास्थ्य को और खराब करता है. ऐसे व्यक्तियों को सामाजिक संपर्क और रिश्तों की अहमियत को समझने की जरूरत है. न

Similar News