आप 25 साल तक बने रहोगे अध्यक्ष... अखिलेश यादव से बोले अमित शाह; सपा प्रमुख ने जोड़े हाथ
लोकसभा में वक्फ बिल पर चर्चा के दौरान अखिलेश यादव ने सरकार पर तंज कसा और इसे 'उम्मीद' से जोड़ने पर सवाल उठाया. उन्होंने बीजेपी के नेतृत्व संकट और नोटबंदी की नाकामी पर निशाना साधा. गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब देते हुए कहा कि बीजेपी करोड़ों लोगों में से अध्यक्ष चुनती है, जबकि समाजवादी पार्टी को सिर्फ अपने परिवार में देखना होता है. अखिलेश ने बेरोजगारी, महंगाई और किसानों की समस्याओं पर भी सवाल उठाए.;
लोकसभा में वक्फ बिल पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने सरकार पर तीखा वार किया. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यह बिल 'उम्मीद' कैसे है, यह समझ नहीं आ रहा. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी के भीतर यह प्रतिस्पर्धा चल रही है कि 'सबसे खराब हिंदू' कौन साबित होगा. साथ ही, उन्होंने बीजेपी के आंतरिक नेतृत्व संकट पर भी टिप्पणी की, यह कहते हुए कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी अभी तक अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष तय नहीं कर पाई है.
गृहमंत्री अमित शाह ने अखिलेश यादव की टिप्पणी पर हल्के-फुल्के अंदाज में जवाब देते हुए कहा कि जहां समाजवादी पार्टी को केवल अपने परिवार के भीतर अध्यक्ष चुनना होता है. वहीं, बीजेपी को करोड़ों कार्यकर्ताओं में से चयन करना पड़ता है, जो समय लेने वाली प्रक्रिया है. अमित शाह ने कहा कि 'मैं कहता हूं आप अभी 25 साल तक अध्यक्ष हो जाओ.'
सरकार की नाकामी छिपाने का प्रयास है वक्फ बिल
अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि वक्फ बिल असल में सरकार की नाकामी को छिपाने का एक प्रयास है. अखिलेश यादव ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए नोटबंदी, बेरोजगारी, महंगाई और किसानों की समस्याओं का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि सरकार आधी रात में नोटबंदी जैसा फैसला तो ले सकती है, लेकिन उसकी विफलताओं पर चर्चा करने को तैयार नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय, लोगों को गुमराह करने के लिए ऐसे बिल ला रही है.
मूल मुद्दों से भटकाने की साजिश: डिंपल यादव
समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने वक्फ संशोधन विधेयक पर केंद्र सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी इस विधेयक के जरिए जनता का ध्यान असली मुद्दों बेरोजगारी, महंगाई और किसानों की समस्याओं से हटाना चाहती है. डिंपल यादव ने आरोप लगाया कि इस विधेयक से गरीबों को कोई लाभ नहीं होगा, बल्कि इसका असली फायदा बड़े उद्योगपतियों को मिलेगा. उन्होंने सरकार पर अमीरों के हित साधने और आम जनता की परेशानियों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया.