क्या है 'Mission Mausam'? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया लॉन्च

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार 14 जनवरी को 'मिशन मौसम' को लॉन्च किया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश को "मौसम के प्रति तैयार" और "जलवायु के प्रति स्मार्ट" राष्ट्र बनाना है. 'मिशन मौसम' में मौसम पूर्वानुमान, मौसम प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन की योजनाएं शामिल हैं. इनके अलावा, इन कार्यक्रमों का उद्देश्य अत्याधुनिक मौसम निगरानी तकनीक और प्रणालियां विकसित करना है.;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 14 Jan 2025 12:54 PM IST

PM Modi Mission Mausam: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार 14 जनवरी को 'मिशन मौसम' को लॉन्च किया. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के 150वें स्थापना दिवस के अवसर पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश को "मौसम के प्रति तैयार" और "जलवायु के प्रति स्मार्ट" राष्ट्र बनाना है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आज के कार्यक्रम में पीएम मोदी मिशन मौसम की शुरुआत की. प्रधानमंत्री मौसम संबंधी लचीलेपन के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन अनुकूलन के लिए आईएमडी विजन-2047 दस्तावेज जारी किया. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मिशन मौसम क्या है? इसका क्या लाभ है? आगे हम आपको इस मिशन के बारे में बताएंगे.

क्या है 'मिशन मौसम'?

पीएमओ ने बताया कि 'मिशन मौसम' में मौसम पूर्वानुमान, मौसम प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन की योजनाएं शामिल हैं. इनके अलावा, इन कार्यक्रमों का उद्देश्य अत्याधुनिक मौसम निगरानी तकनीक और प्रणालियां विकसित करना है. देश को मौसम के लिए तैयार और जलवायु-स्मार्ट बनाने के लिए एक बड़ी योजना है. इसमें वेदर मॉनिटरिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा, जिसमें अगली पीढ़ी के रडार, सैटेलाइट और उच्च-प्रदर्शन वाले कंप्यूटर शामिल हैं. इससे मिशन से भारत को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और प्राकृतिक आपदाओं से बेहतर तरीके से निपटने में मदद मिलेगी.

'मिशन मौसम' का उद्देश्य

पीएम मोदी के 'मिशन मौसम' का उद्देश्य नई टेक्नोलॉजी के जरिए वायुमंडल डेटा की सटीकता बढ़ाई जाएगी. एयर क्वालिटी डेटा को बेहतर बनाने और इसे आम जनता और संस्थानों तक पहुंचाने पर होगा. मिशन मौसम भारत को जलवायु परिवर्तन के खतरों से निपटने में सक्षम बनाएगा.

क्यों है मिशन की जरूरत?

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मिशन मौसम से कृषि, आपदा राहत प्रणाली, सुरक्षा, विमानन प्रणाली, जल संसाधन और पर्यटन समेत कई क्षेत्रों को होगा. इससे पर्यावरण जैसी समस्याओं को सुलझाने में मदद मिलेगी. इससे मौसम से जुड़ी जानकारी जल्द से जल्द पहुंचाई जा सकती है. साथ ही कोहरे, ओलावृष्टि और बारिश की घटनाओं के लिए समय से पहले जानकारी प्राप्त हो पाएगी. रिपोर्ट में कहा गया कि वैज्ञानिक मौसम जीपीटी भी बना रहे हैं. यह चैट जीपीटी जैसा होगा. इस पर मौसम संबंधी जानकारी बहुत तेजी से मिलेगी. आने वाली मौसमी घटनाओं के बारे में सही समय पर सूचना मिल जाएगी.

Similar News