बीरेन सिंह ने मणिपुर के सीएम पद से क्यों दिया इस्तीफा? पढ़ें इनसाइड स्टोरी

मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंपा. इस दौरान पुरी से बीजेपी सांसद संबित पात्रा भी मौजूद रहे. बीरेन सिंह ने भले ही इस्तीफा अब दिया हो, लेकिन इसकी स्क्रिप्ट पिछले साल से ही लिखी जाने लगी थी. आइए, आपको बताते हैं बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के पीछे की इनसाइड स्टोरी....;

( Image Source:  ANI )
By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 9 Feb 2025 7:54 PM IST

Biren Singh Resigns: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने 9 फरवरी यानी आज इस्तीफा दे दिया. उन्होंने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा पत्र सौंपा. इस दौरान उनके साथ बीजेपी सांसद संबित पात्रा, मंत्री और विधायक भी मौजूद रहे. इससे पहले, उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के बाद गृह मंत्रालय ने केंद्रीय एजेंसियों को अलर्ट मोड पर रहने को कहा है.

बीरेन सिंह ने मणिपुर के विकास कार्य में सहयोग करने के लिए केंद्र सरकार का आभार जताया है. उन्होंने केंद्र से मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता बनाए रखने, सीमा पर घुसपैठ पर रोक लगाने, नशीली दवाओं और नार्को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखने की मांग की.

बीरेन सिंह ने क्यों दिया इस्तीफा?

बता दें कि बीरेन सिंह से इस्तीफा देने की मांग लंबे समय से की जा रही थी. उन्हें लेकर बीजेपी विधायकों में काफी नाराजगी थी. पिछले साल अक्टूबर में 19 विधायकों ने बीरेन सिंह को सीएम पद से हटाने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था. पत्र में विधानसभा अध्यक्ष थोकचोम सत्यव्रत सिंह और कई मंत्रियों के भी सिग्नेचर थे.

'लोग बीजेपी सरकार से सवाल पूछ रहे हैं'

पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में बीजेपी विधायकों ने कहा कि मणिपुर में जारी जातीय संघर्ष को लेकर लोग बीजेपी सरकार से सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर राज्य में शांति अभी तक क्यों बहाल नहीं हुई. अगर जल्द ही कोई समाधान नहीं निकाला गया तो लोग विधायकों से भी इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं.

मई 2023 से मणिपुर में जारी है हिंसा

बता दें कि मणिपुर में मई 2023 से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसा का दौर जारी है. इसके पीछे की वजह मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग है, जिसका कुकी समुदाय विरोध कर रहा है. उसको डर है कि ऐसा होने से मैतेई लोग उनकी जमीन पर कब्जा कर लेंगे. दोनों समुदायों के बीच हुए हिंसक झड़पों में अब तक सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. कई लोग पलायन करने को मजबूर हुए हैं.

कुकी और मैतेई समुदायों के बीच जमीन, आरक्षण और राजनीतिक प्रतिनिधित्व को लेकर संघर्ष चल रहा है. केंद्र ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल राज्य में तैनात किए हैं.

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