ऑपरेशन सिंदूर में अहम भूमिका निभाने वाली विंग कमांडर निकिता पांडे कौन हैं? एयर फोर्स से निकाले जाने का मंडरा रहा खतरा

ऑपरेशन सिंदूर में भारत की कई जांबाज़ महिलाओं के नाम सामने आए, जिन्होंने इस मिशन को पूरा करने में अपना योगदान दिया. सोफिया कुरैशी के बाद विंग कमांडर निकिता पांडे भी इस दिनों चर्चा में हैं. उन्होंने साल 2011 में एयरफोर्स ज्वॉइन किया था.;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 23 May 2025 2:39 PM IST

भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर निकिता पांडे सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा में दिए गए समर्पण और साहस की मिसाल हैं. उन्होंने हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में अहम योगदान दिया था.

निकेता पांडे ने 13.5 साल की सर्विस पूरी कर ली है. उनकी मेरिट के आधार पर 10 साल पूरे होने के बाद 2025 तक सर्विस बढ़ाई गई. बावजूद इसके स्थायी कमीशन को लेकर उनका भविष्य अभी भी अधर में था, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. चलिए ऐसे में जानते हैं कौन हैं विंग कमांडर निकिता पांडे.

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए निकिता पांडे की रिहाई पर फिलहाल रोक लगा दी. कोर्ट ने माना कि सशस्त्र बलों में यह स्थिति कि 10 साल के बाद अधिकारी रहेंगे या नहीं अनिश्चितता और असमंजस पैदा करती है. कोर्ट ने कहा कि एक साफ और ठोस नीति की ज़रूरत है. 

इतिहास में नाम दर्ज

निकिता पांडे पहली ऐसी महिला IAF SSC अधिकारी बनी हैं, जिनकी रिहाई पर अदालत ने रोक लगाई है. इससे पहले 9 मई को सुप्रीम कोर्ट ने सेना की 50 महिला SSC अधिकारियों को भी इसी तरह की राहत दी थी.

कौन हैं निकिता पांडे

विंग कमांडर निकिता पांडे भारतीय वायुसेना में अधिकारी हैं.वह साल 2011 में शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) के ज़रिए भारतीय वायुसेना में शामिल हुईं. उन्होंने एक कॉम्बैट कंट्रोलर के तौर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. साथ ही, ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन बालाकोट जैसे अभियानों में अपना दमखम दिखाया है. इतना ही नहीं, निकेता पांडे ने सशस्त्र बलों में साढ़े 13 साल से अधिक समय तक सर्विस की है.

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