सब सवाल अहमियत रखते हैं जवाब तो बनता है... आखिर कहां है EX CEC राजीव कुमार, क्या ले ली माल्टा की नागरिकता?
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के देश छोड़कर माल्टा जाने की अफवाहें सोशल मीडिया पर फैल रही हैं, लेकिन उनके करीबी सूत्रों और फैक्ट-चेक रिपोर्टों ने स्पष्ट किया है कि वह भारत में ही हैं. यह विवाद राहुल गांधी द्वारा कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा में हुए लोकसभा चुनावों में ‘वोट चोरी’ के आरोप लगाने के बाद शुरू हुआ. राजीव कुमार ने अपने 4.5 साल के कार्यकाल में 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चुनावों की निगरानी की और कई सुधार लागू किए.;
Ex-CEC Rajiv Kumar News: देश में ‘वोट चोरी’ के आरोपों को लेकर हंगामा जारी है. इसी बीच पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के देश छोड़कर जाने की अफवाहें सोशल मीडिया पर फैल रही हैं. कुछ यूजर्स का दावा है कि राजीव कुमार माल्टा में बस गए हैं और वहां की नागरिकता ले ली है. हालांकि, उनके करीबी सूत्रों ने इन दावों का खंडन करते हुए साफ किया है कि राजीव कुमार भारत में ही हैं.
राजीव कुमार का नाम तब चर्चा में आया, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा में हुए लोकसभा चुनावों में ‘वोट चोरी’ के आरोप लगाए. उस समय राजीव कुमार ही मुख्य चुनाव आयुक्त थे. सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने यह अफवाह फैलानी शुरू कर दी कि उन्होंने भारत छोड़कर माल्टा में बसने का फैसला किया है, जबकि फैक्ट-चेक रिपोर्टों में इसे पूरी तरह झूठा बताया गया है. PTI सहित कई स्रोतों ने पुष्टि की कि राजीव कुमार भारत में ही हैं.
अफवाहों की शुरुआत कुछ यूजर्स की टिप्पणियों से हुई, जिन्होंने कहा कि पूर्व CEC ने हिमालय में समय बिताने की योजना बनाई थी और उनके माल्टा जाने का कोई विश्वसनीय सबूत नहीं है. वहीं, कुछ लोगों ने अफवाहों को हवा देते हुए आरोप लगाए कि उन्होंने माल्टा की नागरिकता ले ली है.
राजीव कुमार ने अपने 4.5 साल के कार्यकाल में कराए 31 चुनाव
राजीव कुमार ने अपने 4.5 साल के कार्यकाल में 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चुनावों की निगरानी की, जिसमें 2024 का लोकसभा चुनाव भी शामिल है. उनके नेतृत्व में कई सुधार लागू किए गए, जैसे वोटर रजिस्ट्रेशन के लिए चार तारीखों का प्रावधान, ERONET 2.0 के जरिए मतदाता सूची का डिजिटलीकरण और मिसइन्फॉर्मेशन से निपटने के लिए ‘मिथ बनाम रियलिटी’ रजिस्टर की शुरुआत.
राजनीतिक आरोपों ने उन्हें विवादों में ला खड़ा किया है. तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने भी चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए मांग की कि उनके खिलाफ FIR दर्ज की जाए, यह कहते हुए कि उनके कार्यकाल में कथित तौर पर दोषपूर्ण वोटर लिस्ट तैयार की गई थी.
दो धड़ों में बंटा सोशल मीडिया
सोशल मीडिया पर लोग दो धड़ों में बंटे हैं. एक पक्ष आरोपों को गंभीर मानता है, जबकि दूसरा इसे विपक्ष की सियासी चाल करार देता है. कई ने तंज करते हुए कहा कि अगर राजीव कुमार सचमुच माल्टा चले गए होते, तो विपक्ष पहले ही संसद में बवाल मचा देता. अपने विदाई भाषण में राजीव कुमार ने कहा था कि चुनाव आयोग लोकतंत्र का पूजा स्थल है और इसे उन लोगों ने बदनाम किया जो चुनावी नतीजों को स्वीकार नहीं करते.
पप्पू यादव ने उठाए सवाल
पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा है, क्या सच में पूर्व पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार देश छोड़ माल्टा में बस गए हैं? अगर यह सच है तो निश्चय ही देश में वोट चोरी की सरकार चल रही है. राजीव जी को देश में बुलाकर वोट चोरी पर उनकी दोटकिया शायरी अवश्य सुनी जानी चाहिए.
"वफ़ा खुद से नहीं होती, खता EVM की कहते हो"
बता दें कि 7 जनवरी को राजीव कुमार ने चुनाव की तारीखों का एलान करते हुए कहा था- सब सवाल अहमियत रखते हैं, जवाब तो बनता है. आदतन कलमबंद जवाब देते रहे, आज तो रूबरू भी बनता है. क्या पता हम कल हों न हों, आज जवाब तो बनता है... उन्होंने एक अन्य शेर कहते हुए कहा- EVM ने विपक्ष से अर्ज किया है.. "अधूरी हसरतों का इल्जाम हर बार हम पर लगाना ठीक नहीं, वफ़ा खुद से नहीं होती, खता EVM की कहते हो."