फर्स्ट टाइम वोटरों को क्या करना चाहिए? संविधान दिवस पर PM मोदी ने स्कूल और कॉलेज को सौंपी ये जिम्मेदारी
संविधान दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को पत्र लिखकर संविधान की महानता, नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों और युवाओं की लोकतांत्रिक भूमिका पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि इसी संविधान ने उन्हें एक साधारण परिवार से देश का प्रधानमंत्री बनने का अवसर दिया. पीएम ने युवाओं से आग्रह किया कि मतदान को उत्सव की तरह मनाएँ और हर वर्ष स्कूल–कॉलेजों में पहले मतदाताओं का सम्मान किया जाए. उन्होंने कहा कि कर्तव्यों का पालन ही राष्ट्रनिर्माण की असली नींव है.;
26 नवंबर सिर्फ एक तारीख नहीं, यह वह दिन है जिसने भारत को एक पहचान, दिशा और लोकतांत्रिक रीढ़ दी. संविधान सभा ने इसी दिन वह दस्तावेज स्वीकार किया था, जिसने देश को “We the People” की शक्ति से जोड़कर एक नए युग की शुरुआत की. इस ऐतिहासिक क्षण की याद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को पत्र लिखकर भारत के संविधान, नागरिक कर्तव्यों और लोकतांत्रिक भागीदारी की महत्ता पर अपने विचार साझा किए.
प्रधानमंत्री का यह पत्र सिर्फ औपचारिक संदेश नहीं, बल्कि नागरिकों से सीधे संवाद का प्रयास है. इसमें उन्होंने संविधान की उस शक्ति को याद किया जिसने सामाजिक पृष्ठभूमि के भेदभाव को पार करते हुए उन्हें शीर्ष पद तक पहुँचने का अवसर दिया. पहली बार मतदाता बनने वाले युवाओं को लेकर प्रधानमंत्री का विशेष संदेश इस पत्र को और अधिक अर्थपूर्ण बनाता है. यह सिर्फ इतिहास का स्मरण नहीं, बल्कि भविष्य की दिशा तय करने का आह्वान है.
संविधान दिवस: क्यों है यह तारीख इतनी महत्वपूर्ण?
26 नवंबर 1949 को भारत ने अपना संविधान अपनाया था. प्रधानमंत्री मोदी ने याद दिलाया कि यही वह दिन है जिसने लोकतांत्रिक भारत की नींव रखी. NDA सरकार ने 2015 में इस दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की, ताकि नागरिक हर वर्ष इस दस्तावेज के महत्व से जुड़े रहें. पीएम ने संविधान को “देश के विकास का सच्चा मार्गदर्शक” बताया.
संविधान ने मुझे यहां पहुंचाया: पीएम मोदी
पत्र में पीएम मोदी ने कहा कि भारत का संविधान ही वह शक्ति है जिसने एक साधारण, गरीब परिवार में जन्मे व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनने का अवसर दिया. उन्होंने 2014 में पहली बार संसद में प्रवेश का उल्लेख किया, जब उन्होंने सीढ़ियों को नमन कर लोकतंत्र के प्रति सम्मान व्यक्त किया. 2019 में चुनाव जीतने के बाद उन्होंने संविधान को माथे से लगाया, संविधान के प्रति उनकी आस्था का प्रतीक.
मौलिक कर्तव्यों की ओर ध्यान
पीएम मोदी ने याद दिलाया कि संविधान का अनुच्छेद 51A मौलिक कर्तव्यों से जुड़ा है. उन्होंने लिखा कि महात्मा गांधी ने हमेशा कर्तव्यों को प्राथमिकता दी, क्योंकि कर्तव्यों का पालन करने से अधिकार स्वतः सुरक्षित रहते हैं. उन्होंने जोर दिया कि हर भारतीय का दायित्व है कि वह देशहित में ईमानदारी, निष्ठा और क्षमता के साथ अपना काम करे—इसी से सामाजिक और आर्थिक प्रगति कई गुना बढ़ती है.
प्रधानमंत्री का नागरिकों से आग्रह
पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्र ने हमें जो कुछ दिया है, उसके लिए कृतज्ञता की भावना होना जरूरी है. जब यह भावना जीवन का हिस्सा बनती है, तो कर्तव्य पालन स्वभाव बन जाता है. उन्होंने लिखा कि हर नागरिक का हर काम संविधान की शक्ति बढ़ाने वाला और देशहित से जुड़ा होना चाहिए. यही संविधान निर्माताओं के सपनों को पूरा करने का वास्तविक मार्ग है.
पहली बार मतदाता बनने वालों के लिए विशेष संदेश
प्रधानमंत्री ने युवाओं से कहा कि मतदान का अधिकार लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है. जो युवा 18 साल के हुए हैं, उन्हें विशेष सम्मान दिया जाना चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया कि स्कूल और कॉलेज 26 नवंबर को "फर्स्ट-टाइम वोटर्स" का सम्मान समारोह आयोजित करें, ताकि युवाओं में जिम्मेदारी और गर्व का भाव जागृत हो.
लोकतांत्रिक प्रक्रिया में युवाओं की भूमिका
पीएम मोदी ने कहा कि पहली बार मतदाता बने युवा केवल छात्र नहीं, बल्कि नीति निर्माण प्रक्रिया के सक्रिय सहभागी हैं. जब युवाओं में यह भूमिका समझ विकसित होती है, तो वे जीवनभर लोकतंत्र की रक्षा करने वाले नागरिक बनते हैं. यही भावना राष्ट्र को मजबूत बनाती है.
संविधान दिवस का उद्देश्य
प्रधानमंत्री ने लिखा कि संविधान दिवस सिर्फ समारोह नहीं, बल्कि नागरिकों को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति संवेदनशील बनाने का अवसर है. भारत में लोकतंत्र तभी मजबूत होगा जब नागरिक सक्रिय, जागरूक और जिम्मेदार रहेंगे.
राष्ट्र के भविष्य की दिशा
पत्र के अंत में पीएम मोदी ने कहा कि संविधान सिर्फ दस्तावेज नहीं, बल्कि भारत की आकांक्षाओं का प्रतीक है. इसकी रक्षा करना और इसकी भावना को आगे ले जाना हर भारतीय की जिम्मेदारी है. उन्होंने युवाओं, नागरिकों और संस्थाओं से संविधान की मूल भावना—लोकतंत्र, समानता और कर्तव्य—को जीवन में उतारने का आह्वान किया.