क्या है नेशनल हेराल्ड केस? यंग इंडिया, AJL और ऐतिहासिक अख़बार से गांधी परिवार की भूमिका को समझिए
नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. यंग इंडिया और अन्य कंपनियों को भी आरोपी बनाया गया है. अदालत में 25 अप्रैल को सुनवाई होगी. कांग्रेस ने इस कार्रवाई को राजनीतिक बदले की भावना बताया है और देशभर में ईडी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है.;
नेशनल हेराल्ड से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस में गांधी परिवार और कांग्रेस के वरिष्ठ सहयोगियों पर शिकंजा कसता दिख रहा है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में इस केस की चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, यंग इंडिया कंपनी, डोटेक्स मर्चेंडाइज प्रा. लि. और कारोबारी सुनील भंडारी को आरोपी बनाया गया है.
अदालत ने चार्जशीट पर संज्ञान लेने के लिए 25 अप्रैल की तारीख तय की है. इससे पहले ईडी इस मामले में 64 करोड़ से अधिक की संपत्तियां जब्त कर चुकी है, जिससे यह साफ है कि जांच एजेंसी इस केस को निर्णायक मोड़ तक ले जाना चाहती है. विरोध जताते हुए कांग्रेस ने बुधवार को देशभर में ईडी दफ्तरों के बाहर प्रदर्शन का ऐलान किया है. अब ईडी की चार्जशीट और आगे की कानूनी प्रक्रिया इस हाई-प्रोफाइल केस को और गरमा सकती है. आइए जानते हैं कि क्या था पूरा मामला
क्या है नेशनल हेराल्ड केस?
नेशनल हेराल्ड अखबार की शुरुआत 1937 में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के तहत की थी. यह संस्था स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी थी और ‘नवजीवन’, ‘कौमी आवाज़’ जैसे अखबार प्रकाशित करती थी. आर्थिक संकट के चलते 2008 में इसका प्रकाशन बंद हो गया. 2011 में इसकी 2000 करोड़ की संपत्ति यंग इंडिया लिमिटेड नाम की एक नई कंपनी को मात्र 50 लाख रुपये में ट्रांसफर कर दी गई, जिसमें राहुल गांधी और सोनिया गांधी की 76% हिस्सेदारी थी.
कैसे दर्ज हुआ मामला?
साल 2012 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट में शिकायत दर्ज करवाई कि यंग इंडिया लिमिटेड ने एजेएल की संपत्ति पर धोखाधड़ी और विश्वासघात से कब्जा किया है. कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए जून 2014 में सभी आरोपियों को समन भेजे. इसके बाद मामला ईडी और इनकम टैक्स की जांच के दायरे में आया.
स्वामी का क्या था आरोप?
स्वामी का आरोप था कि कांग्रेस ने AJL को 90.21 करोड़ रुपये का लोन दिया, जिसे बाद में शेयर में बदलकर यंग इंडिया को सिर्फ 50 लाख रुपये में ट्रांसफर कर दिया गया. उन्होंने इसे आपराधिक साजिश करार दिया और कहा कि ये एक सोची-समझी योजना थी जिससे गांधी परिवार को AJL की करोड़ों की संपत्ति पर अधिकार मिल जाए.
गांधी परिवार की थी हिस्सेदारी
यंग इंडिया एक Section 25 कंपनी है, जो नॉन-प्रॉफिट संस्था के रूप में रजिस्टर्ड है. इसके बावजूद कंपनी ने कोई सामाजिक या चैरिटेबल कार्य नहीं किया. इस कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मिलाकर 76% हिस्सेदारी थी, शेष मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के पास थी.
ईडी ने जब्त की करोड़ों की संपत्ति
2014 से ईडी ने जांच शुरू की और 2023 में कार्रवाई तेज की. नवंबर 2023 को ईडी ने 752 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की. पहले 2017 में इनकम टैक्स विभाग ने बताया था कि यंग इंडिया ने AJL की संपत्तियों से 414 करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी की है. अब अप्रैल 2025 में ED ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. चार्जशीट पर संज्ञान लेने की अगली तारीख 25 अप्रैल 2025 तय हुई है. कोर्ट से पहले सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने इस केस को रद्द करने से इनकार किया है. हालांकि बीच-बीच में कुछ राहतें भी मिलीं हैं, जैसे हेराल्ड हाउस को खाली करने के आदेश पर रोक.
क्या है कांग्रेस की दलील?
कांग्रेस का कहना है कि नेशनल हेराल्ड एक ऐतिहासिक अखबार है, जिसे स्वतंत्रता संग्राम में आवाज़ देने के लिए शुरू किया गया था. इसका अधिग्रहण किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं किया गया, बल्कि विचारधारा और विरासत बचाने के लिए था. कांग्रेस नेताओं का दावा है कि यह कार्रवाई विपक्ष की आवाज को दबाने और गांधी परिवार की छवि को खराब करने की साजिश है. चार्जशीट दाखिल होने के बाद कांग्रेस आक्रामक हो गई है. पार्टी ने इसे बदले की राजनीति बताया है। कांग्रेस नेता सचिन पायलट, कमलनाथ, जयराम रमेश और केसी वेणुगोपाल ने केंद्र सरकार और ईडी पर निशाना साधा और कहा कि यह देश की स्वतंत्रता से जुड़ी विरासत पर हमला है. पार्टी ने 16 अप्रैल को देशभर में ईडी के दफ्तरों के बाहर प्रदर्शन करने का ऐलान किया है.