ये क्या हो रहा ओडिशा में? दबंग ने महिला आदिवासी के साथ की शर्मनाक हरकत, मुंह में ठूंस दिया इंसान का 'मल'

ओडिशा में मानवता को शर्मशार करने वाली घटना सामने आई है. खेत जुताई के दौरान विरोध करने पर एक 20 साल की आदिवासी लड़की के साथ गैर-आदिवासी शख्स ने हमला कर दिया. एक आदिवासी महिला पर हमला बोलते हुए एक गैर-आदिवासी शख्स ने उसके मुंह में मानव मल ठूंस दिया.;

Edited By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 21 Nov 2024 11:47 AM IST

ओडिशा के बलांगीर जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां 20 वर्षीय आदिवासी महिला ने एक व्यक्ति पर मारपीट, जातिवादी गालियां देने और उसे जबरन मानव मल खिलाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. यह घटना 16 नवंबर की है, जब महिला गांव के तालाब से नहाकर घर लौट रही थी. महिला ने बताया कि गांव के ही अभय बाघ नाम के एक व्यक्ति ने उन पर हमला किया और जातिसूचक अपशब्द कहे. महिला ने इस मामले की रिपोर्ट बंगोमुंडा पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई, जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई है.

प्राथमिकी के मुताबिक, आरोपी गैर- आदिवासी व्यक्ति महिला के खेत से ट्रैक्टर ले जा रहा था. जिससे फसल को नुकसान हो रहा था. जिस पर महिला ने उसका विरोध किया. इस पर आरोपी ने उसके साथ मारपीट की और उसके मुंह में जबरन मानव मल डाल दिया. खबर है कि आरोपी ने मारपीट के साथ युवती से जातिसूचक शब्द भी कहे.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 16 नवंबर को महिला तलाब से नहाकर जा रही थी. उन्होंने आरोप लगाए हैं कि गांव के रहने वाले अभय बाघ ने उन पर हमला कर दिया था. शिकायत के आधार पर बाघ ने छाती पर मारा, जिसकी वजह से वह गिर गई और जब उनकी मां बचाने पहुंची तो बाघ ने उन पर भी हमला करने का प्रयास किया. युवती का आरोप है कि बाघ ने उसके चेहरे पर इंसान का 'मल' लगा दिया और खाने के लिए मजबूर किया.

विपक्षी नवीन पटनायक की बीजू जनता दल की सांसद निरंजन बिसी ने पुलिस पर आरोपियों को बचाने की आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, जिसकी वजह से आदिवासियों में गुस्सा है. वहीं, एसपी ने बताया आरोपी फरार है. पुलिस जांच में लगी है, जल्दी ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

एसपी ने कहा, “हमने उसे पकड़ने के लिए दो विशेष टीमें बनाई हैं. यहां तक ​​कि उसकी तलाश में पड़ोसी राज्यों में भी पुलिस टीमें भेजी गई हैं.” एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है.

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