केरल में वक्फ विवाद; शोभा करंदलाजे ने लगाया 'जमीन जिहाद' का आरोप

केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि वक्फ (संशोधन) बिल 2024 पर उनकी शिकायतों को ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के सामने रखा जाएगा. इस बिल के जरिए सरकार का उद्देश्य भूमि विवादों को सुलझाना और भूमि माफिया की गतिविधियों पर लगाम लगाना है. केरल के एर्नाकुलम जिले के मुनंबम में लगभग 600 परिवार वक्फ बोर्ड के भूमि दावों का विरोध कर रहे हैं.;

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By :  संस्कृति जयपुरिया
Updated On : 2 April 2025 1:05 PM IST

केरल के मुनंबम इलाके का दौरा करने के बाद केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने मीडिया से बातचीत में वक्फ बोर्ड के दावों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने वक्फ बोर्ड पर गरीब किसानों और आम नागरिकों की जमीनों को अपने कब्जे में करने का आरोप लगाया. करंदलाजे का कहना है कि इन दावों के पीछे एक शक्तिशाली भूमि माफिया सक्रिय है, जो आम जनता की जमीन को हड़पने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने इस समस्या को "जमीन जिहाद" करार दिया.

करंदलाजे ने वक्फ बोर्ड की बढ़ती संपत्तियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि 1954 में जब वक्फ अधिनियम लागू हुआ था, तब वक्फ बोर्ड के पास पूरे देश में केवल 10,000 एकड़ भूमि थी. लेकिन अब, वक्फ बोर्ड 38 लाख एकड़ भूमि का स्वामी बन चुका है. उन्होंने सवाल उठाया, 'इतनी बड़ी भूमि आखिर कहां से आई?' केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि वक्फ बोर्ड कैसे इतनी बड़ी संपत्ति का मालिक बन गया और यह संपत्ति कहां से आई.

वक्फ (संशोधन) बिल 2024 पर प्रदर्शनकारियों को आश्वासन

केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि वक्फ (संशोधन) बिल 2024 पर उनकी शिकायतों को ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के सामने रखा जाएगा. इस बिल के जरिए सरकार का उद्देश्य भूमि विवादों को सुलझाना और भूमि माफिया की गतिविधियों पर लगाम लगाना है.

केरल के एर्नाकुलम जिले के मुनंबम में लगभग 600 परिवार वक्फ बोर्ड के भूमि दावों का विरोध कर रहे हैं. इन परिवारों का कहना है कि वे कई दशकों से इस भूमि पर रह रहे हैं और 2019 तक यह भूमि उनके पास थी. अब, वक्फ बोर्ड इसे अपनी संपत्ति बताकर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है. करंदलाजे ने कहा कि 2019 से पहले की स्थिति के अनुसार, इस भूमि को इन परिवारों को लौटाया जाना चाहिए.

पूरे देश में बढ़ रहे वक्फ बोर्ड के भूमि कब्जे के मामले

करंदलाजे का आरोप है कि देश के विभिन्न हिस्सों में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जहां किसानों और आम लोगों की जमीनों पर वक्फ बोर्ड दावा कर रहा है. उन्होंने कर्नाटक का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां 29,000 एकड़ भूमि मुस्लिम नेताओं के अधिकार में आ गई है, जो पहले आम जनता के पास थी.

मुनंबम और चेराई के निवासियों का आरोप है कि वक्फ बोर्ड उनकी रजिस्टर्ड जमीन और संपत्तियों पर बिना किसी वैध कारण के दावा कर रहा है. निवासियों के पास जमीन के दस्तावेज और टैक्स पेमेंट के प्रमाण भी हैं, फिर भी वक्फ बोर्ड उनकी संपत्तियों को धार्मिक संपत्ति बताकर कब्जा कर रहा है.

मुख्यमंत्री का आश्वासन

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने प्रदर्शनकारियों को उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया है. इसके बावजूद, मुनंबम भूमि संरक्षण समिति द्वारा आयोजित भूख हड़ताल गुरुवार को अपने 33वें दिन में प्रवेश कर गई है. स्थानीय लोग इस मुद्दे पर राज्य सरकार से ठोस कदम की उम्मीद कर रहे हैं.

करंदलाजे ने कहा कि वक्फ (संशोधन) बिल 2024 के पारित होने के बाद इस तरह के भूमि विवादों का समाधान संभव होगा. उन्होंने यह भी कहा कि यह बिल केवल भूमि विवादों को हल करने में ही नहीं बल्कि भूमि माफिया के अन्याय को समाप्त करने में भी सहायक सिद्ध होगा.

करंदलाजे ने स्पष्ट किया कि 'केंद्र सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है और गरीब किसानों के हितों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगी. उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील की कि वे धैर्य बनाए रखें और सरकार पर विश्वास रखें.'

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