VHP ने शुरू किया नया अभियान, मंदिरों में देखभाल की पहल, सरकार से करेगा ये मांग

विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने एक अभियान चलाने की घोषणा की है. वीएचपी का 'अप्रस्थ मुक्त भारत, समरस युक्त भारत' अभियान 17 अक्टूबर को वाल्मीकि जयंती से एक दिन पहले 16 अक्टूबर से शुरू होगा और 19 अक्टूबर को समाप्त होगा. इस चार दिवसीय अभियान के दौरान देश भर में 10,000 स्थानों पर दलितों तक पहुंचेगा.;

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VHP Launches Campaign: आंध्र प्रदेश के तिरुपति बाला मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलने का मामला तूल पकड़े जा रहा है. देश के अलग-अलग राज्यों में इसे लेकर विवाद हो रहा है. कई हिंदू संगठन इसे सनातन और हिंदू धर्म के लोगों का अपमान मान रहे हैं. इसी बीच विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने एक अभियान चलाने की घोषणा की है.

वीएचपी ने मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से दूर करने की मांग की है. सोमवार (23 सितंबर) को एक निकाय की बैठक की गई, जिसमें इस मांग को उठाया गया. इस संबंध में एक प्रस्ताव भी पास किया गया है.

अगले महीने शुरू होगा अभियान

जानकारी के अनुसार वीएचपी का 'अप्रस्थ मुक्त भारत, समरस युक्त भारत' अभियान 17 अक्टूबर को वाल्मीकि जयंती से एक दिन पहले 16 अक्टूबर से शुरू होगा और 19 अक्टूबर को समाप्त होगा. इस चार दिवसीय अभियान के दौरान देश भर में 10,000 स्थानों पर दलितों तक पहुंचेगा. इसके तहत विहिप दलितों से जुड़ने और छुआछूत की सामाजिक बुराई के खिलाफ संदेश फैलाने के लिए सहभोज, कन्या पूजन, समरसता यज्ञ और समरसता सेमिनार का आयोजन किया जाएगा.

वीएचपी का बयान

वीएचपी के संयुक्त महासचिव सुरेन्द्र जैन ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "सरकारें मंदिरों का इस्तेमाल उनकी संपत्ति लूटने और उन राजनेताओं को समायोजित करने के लिए कर रही हैं, जिन्हें सरकार में जगह नहीं मिल सकी." यह बात संगठन द्वारा तिरुपति में संतों के सम्मेलन के एक दिन बाद कही गई, जिसमें मंदिर बोर्ड ने कहा कि "लड्डू प्रसाद की पवित्रता को बहाल करने के लिए" शुद्धिकरण अनुष्ठान किए गए. जैन ने कहा कि प्रसाद में पशु चर्बी की कथित मिलावट ने “पूरे हिंदू समाज को नाराज़ कर दिया है.”

मामले की न्यायिक जांच हो-VHP

विश्व हिंदू परिषद ने इस पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग की है. परिषद का कहना है कि हिंदुओं, हिंदू धर्म और मंदिरों के खिलाफ इस आपराधिक कृत्य के पीछे के दोषियों का पता लगाया जा सके और इस कृत्य के पीछे अपराधियों को सख्त सजा दी जाए. ताकि भविष्य में कोई हिंदू भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने की हिम्मत न कर सके.

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