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वाहन बीमा प्रीमियम को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को चिट्ठी लिखी है. जिसमें उन्होंने लिखा है कि इस पहल का उद्देश्य लापरवाह ड्राइविंग व्यवहार को आर्थिक रूप से दंडित करके पूरे भारत में सुरक्षित ड्राइविंग सिस्टम को बढ़ावा देना है.;

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Edited By :  रूपाली राय
Updated On : 26 Sept 2024 8:12 PM IST

दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वी के सक्सेना ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को चिट्टी लिखकर वाहन बीमा प्रीमियम को वाहन के खिलाफ दर्ज यातायात उल्लंघनों की संख्या से जोड़ने की नीति का प्रस्ताव दिया है. इस पहल का उद्देश्य लापरवाह ड्राइविंग व्यवहार को आर्थिक रूप से दंडित करके पूरे भारत में सुरक्षित ड्राइविंग प्रथाओं को बढ़ावा देना है.

अपने चिट्ठी में, सक्सेना ने एक स्तरीय बीमा प्रीमियम प्रणाली की सिफारिश की जो सीधे तौर पर व्यक्तिगत मोटर चालकों की ड्राइविंग आदतों को प्रतिबिंबित करेगी. इस प्रणाली के तहत, तेज गति और लाल बत्ती जंपिंग जैसे यातायात उल्लंघन के इतिहास वाले वाहनों को उच्च बीमा प्रीमियम का सामना करना पड़ेगा. सक्सेना का मानना ​​है कि यह दृष्टिकोण एक वित्तीय निवारक के रूप में कार्य करेगा, भारतीय सड़कों पर सुरक्षित और अधिक जिम्मेदार ड्राइविंग को प्रोत्साहित करेगा.

एलजी ने आगे इस बात पर जोर दिया कि ऐसी सिस्टम न केवल यह सुनिश्चित करेगी कि बीमा लागत व्यक्तिगत ड्राइवरों द्वारा उत्पन्न वास्तविक जोखिम के साथ अलाइन हो, बल्कि बार-बार दावों के कारण बीमा कंपनियों पर पड़ने वाले वित्तीय दबाव को भी कम करेगी. सक्सेना ने बताया कि इसी तरह के सिस्टम अमेरिका और कई यूरोपीय देशों में सफलतापूर्वक लागू किए गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप सड़क सुरक्षा में महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं.


तेज रफ्तार से गई जान

डेटा के साथ अपने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए, सक्सेना ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) के हालिया आंकड़ों का हवाला दिया, जो बताते हैं कि सड़क दुर्घटनाओं में तेज गति और रेड लाइट नियमों को तोड़ने वालों का मेजर कंट्रिब्युएशन है. भारत में 2022 में 437,000 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 155,000 मौतें हुईं. चिंताजनक बात यह है कि इनमें से 70 फीसदी दुर्घटनाओं का कारण तेज रफ्तार थी. विश्व बैंक के एक अध्ययन में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि कई बार यातायात उल्लंघन करने वाले वाहनों के घातक दुर्घटनाओं में शामिल होने की संभावना स्वच्छ रिकॉर्ड वाले वाहनों की तुलना में 40 प्रतिशत अधिक होती है.

क्या कहती है 2023 की रिपोर्ट

एलजी ने दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की 2023 की रिपोर्ट का भी हवाला दिया, जिसमें पाया गया कि राजधानी में 60 प्रतिशत घातक सड़क दुर्घटनाओं में वे वाहन शामिल थे जिन पर पहले उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाया गया था, मुख्य रूप से ओवर-स्पीडिंग और रेड-लाइट जंपिंग. एक ही साल में तीन से अधिक ट्रैफिक चालान वाले वाहन विशेष रूप से गंभीर दुर्घटनाओं के शिकार थे.

कार्य में हो तेजी

सक्सेना ने तर्क दिया कि बीमा प्रीमियम को ड्राइविंग अनुशासन जोड़ने से भारत ग्लोबल बेस्ट सिस्टम के अनुरूप हो जाएगा और देश को सड़क सुरक्षा पहल में अग्रणी के रूप में स्थापित किया जा सकता है. उपराज्यपाल ने वित्त मंत्री से इंडेक्स-लिंक्ड बीमा प्रीमियम के लिए एक रूपरेखा के निर्माण में तेजी लाने के लिए भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) के साथ जुड़ने का आग्रह किया. 

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