दुनियाभर में डंका बजा रहा डिजिटल पेमेंट, UPI से हो रहा कितने प्रतिशत भुगतान?

UPI पेमंट सिस्टम ने पूरी दुनिया में कमाल का काम किया है. भारत के साथ-साथ विदेश में भी इस सर्विस ने नया रास्ता लोगों को दिखाया है. रिपोर्ट्स के अनुसार इसका इस्तेमाल देशभर में अधिकतर लोग कर रहे हैं.;

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Edited By :  सार्थक अरोड़ा
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UPI यानी यूनिफाइड पेमेंट इंटरपेस का देशभर में कई लोग रोजाना इस्तेमाल करते हैं. इसके जरिए भारत ने दुनिया को डिजिटल पेमंच के तहत एक नया रास्ता दिखाया है. वहीं इस पर एक्सपर्ट्स का कहना है कि विदेशी कंपनी फिनटेक कैसे फाइनेंशियल एक्सक्यूसन रिड्यूसिंग, फोर्सिंग इनोवेशन और प्रमोटिंग एक्यूटेबिल इकॉनमी ग्रोथ के लिए सार्वजनिक डिजिटल बुनियादी ढांचे को खुली बैंकिंग नीतियों के साथ जोड़ा.

दरअसल कुछ रिसर्चर्स द्वारा इस पर रिसर्च की गई. जिसकी रिपोर्ट सामने आई कि UPI की सफलता के कारण अन्य देशों के लिए भी उदाहरणात्मक मॉडल पेश करता है. इस संबंध में तर्क दिया गया कि इससे ओपन बैंकिंग की नीतियों को जोड़ा गया और वित्तीय बहिष्कार को कम किया. साथ ही आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया गया.

UPI लीडिंग डिजिटल प्लेटफॉर्म

वहीं UPI देश का लीडिंग डिजिटल प्लेटफॉर्म है. इसके जरिए भुगतान करते हुए नए शिखर पर पहुंच रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकी रोजाना लोग लेन-देन के लिए यूपीआई का इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं भारत सरकार का फोकस इस बात पर रहा है कि UPI सिर्फ केवल भारत तक ही नहीं सीमित रहे. भारत के साथ-साथ इसका लाभ अन्य देशवासी भी उठा सकें. वहीं UPI पेमेंट सर्विस के जरिए लोग क्रेडिट ले सकते हैं. अब तक 30 करोड़ और 5 करोड़ व्यापारी बिना किसी दिक्कत के डिजिटली पेमेंट का लेनदेन करने में सक्षम हो चुके हैं. कई रिपोर्ट में कहा गया है कि UPI के जरिए 75 प्रतिशत तक डिजिटली पेमंट हो रही है.

कब हुई UPI की शुरूआत

आपको बता दें कि साल 2016 में UPI सर्विस की शुरूआत भारत में हुई थी. इसने 300 मिलियन लोग और 50 मिलियन व्यापारियों को डिजिटली लेनदेन करने में सक्षम बना दिया है. रिपोर्ट के अनुसार 2023 से अब तक रिटेल व्यापारी डिजिटली पैसों का लेनदेन करते हैं. पावर ऑफ डिजिटल टेक्नोलॉजी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में यूपीआई को अपनाया जा सका.

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