वेरिफिकेशन के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं! UIDAI के नए सिस्टम से घर बैठे कर पाएंगे E-Aadhaar शेयर, जानें फायदे

E-Aadhaar: UIDAI ने नागरिकों की सुविधा के लिए नया सिस्टम लागू किया है. नए सिस्टम के तहत नागरिक अब अपने स्मार्टफोन पर एक नए QR कोड-आधारित ऐप के जरिए से अपना e-Aadhaar शेयर कर सकेंगे. यह कदम नागरिकों के लिए घर बैठे ही विभिन्न सरकारी और निजी सेवाओं के लिए वेरिफिकेशन प्रोसेस को सरल और सुरक्षित बनाएगा.;

Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 16 Jun 2025 9:20 AM IST

E-Aadhaar: देश के किसी भी नागरिक के लिए आधार कार्ड एक महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट्स है. ट्रेन-बस, फ्लाइट की टिकट, स्कूल-कॉलेज में एडमिशन, बैंकिंग और सरकारी योजना समेत तमाम कामों में आधार कार्ड का इस्तेमाल एक आईडी प्रूफ के तौर पर किया जाता है. इसमें समय-समय पर अपडेट करना की जरूरी होता है.

भारत सरकार ने बहुत पहले ही ई-आधार (e-Aadhaar) की भी शुरुआत कर दी थी, जिससे हार्ड कॉपी पास न होने पर भी मोबाइल ऐप में इसे रखा जा सके. अब इसमें एक और नई सुविधा जोड़ी गई है, जिसके तहत अब नागरिक अपने आधार कार्ड की फोटोकॉपी देने के बजाय e-Aadhaar का उपयोग करके विभिन्न सेवाओं के लिए पहचान सत्यापन करवा सकेंगे.

क्या है नया सिस्टम?

यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने नागरिकों की सुविधा के लिए नया सिस्टम लागू किया है. नए सिस्टम के तहत नागरिक अब अपने स्मार्टफोन पर एक नए QR कोड-आधारित ऐप के जरिए से अपना e-Aadhaar शेयर कर सकेंगे यह ऐप यूजर्स को अपने आधार डेटा को पूरी तरह से या मास्क्ड रूप में शेयर करने की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे उनकी गोपनीयता बनी रहेगी. यह कदम नागरिकों के लिए घर बैठे ही विभिन्न सरकारी और निजी सेवाओं के लिए वेरिफिकेशन प्रोसेस को सरल और सुरक्षित बनाएगा.

UIDAI की योजना

इस योजना के बारे में UIDAI के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भूषण कुमार ने बताया कि यह नया ऐप लगभग 2,000 मशीनों में लागू किया जा चुका है और आने वाले कुछ सप्ताहों में इसे और अधिक स्थानों पर लागू किया जाएगा. इस पहल के तहत, नागरिकों को अब अपने पते, फोन नंबर, नाम में बदलाव, और जन्मतिथि में सुधार जैसे अपडेट्स के लिए आधार केंद्रों पर जाने की आवश्यकता नहीं होगी, सिवाय बायोमेट्रिक जानकारी (फिंगरप्रिंट और आईरिस) देने के. साथ ही जन्म प्रमाणपत्र, मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, पैन कार्ड, पीडीएस, और मनरेगा डेटाबेस जैसे दस्तावेजों से जानकारी प्राप्त की जाएगी.

क्या होगा लाभ?

नए सिस्टम से न केवल नागरिकों का समय बचेगा, बल्कि फर्जी दस्तावेजों के उपयोग को भी रोका जा सकेगा. QR कोड और फेस ID जैसी तकनीकों के माध्यम से सत्यापन प्रक्रिया अधिक सुरक्षित होगी. UIDAI ने राज्य सरकारों से भी अपील की है कि वे प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन जैसे मामलों में आधार का उपयोग करके सत्यापन प्रक्रिया को मजबूत करें जिससे धोखाधड़ी की घटनाओं को रोका जा सके.

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