तिरुपति लड्डू विवाद के बीच फिर गरमाया जगन-सुब्बा रेड्डी का पारिवारिक कनेक्शन!
तिरुपति लड्डू विवाद के बीच एक और पुराना विवाद, फिर से उभर कर सामने आया है. यह विवाद आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी और तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष वाई वी सुब्बा रेड्डी के बीच पारिवारिक रिश्तों को लेकर है. इस मुद्दे पर अब फिर से चर्चा हो रही है. आइए जानते हैं कि सुब्बा रेड्डी और वाईएसआर परिवार के बीच क्या संबंध हैं और इससे जुड़े हुए विवाद क्या हैं.;
तिरुपति लड्डू विवाद के बीच, एक पुराना और चर्चित विवाद फिर से सुर्खियों में आ गया है, जो पहले कहीं खो गया था. यह विवाद आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी और तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष वाई वी सुब्बा रेड्डी के बीच के पारिवारिक संबंधों से जुड़ा है. दरअसल, जगन मोहन रेड्डी और सुब्बा रेड्डी आपस में रिश्तेदार हैं. सुब्बा रेड्डी की पत्नी स्वर्णलता रेड्डी, जगन मोहन रेड्डी की मां वाईएस विजयलक्ष्मी की बहन हैं. इस रिश्ते के चलते सुब्बा रेड्डी जगन के परिवार के बेहद करीबी माने जाते हैं, और इसी पारिवारिक संबंध ने समय-समय पर विवादों को जन्म दिया है.
सुब्बा रेड्डी को 23 जून 2019 को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था. यह नियुक्ति भी विवादों से अछूती नहीं रही थी, क्योंकि जगन मोहन रेड्डी की सरकार ने उन्हें इस महत्वपूर्ण पद पर बिठाया था. उस समय, विपक्ष और आलोचकों ने इस पर सवाल उठाए थे और इस चुनाव को लेकर भी काफी विवाद हुआ था. टीटीडी का काम भगवान वेंकटेश्वर के प्रसिद्ध मंदिर का प्रबंधन करना है, और इसके अध्यक्ष का पद बेहद प्रतिष्ठित और प्रभावशाली माना जाता है.
विवादों से हैं पुराना नाता
सुब्बा रेड्डी पहले भी विवादों में रहे हैं. कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान, जब मंदिर को भक्तों के लिए बंद कर दिया गया था, उस समय सुब्बा रेड्डी और उनके परिवार के सदस्यों को मंदिर में पूजा करते हुए देखा गया था, जिसे लेकर आलोचना हुई थी. इसके अलावा, जब 2019 में उन्होंने टीटीडी अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला, तब उनकी धार्मिक साख को लेकर भी सवाल उठाए गए थे. सोशल मीडिया पर यह अफवाह फैली थी कि सुब्बा रेड्डी, उनके भतीजे जगन मोहन रेड्डी की तरह ईसाई हैं. इस विवाद के बाद, सुब्बा रेड्डी को सार्वजनिक रूप से सफाई देनी पड़ी थी कि वह एक कट्टर हिंदू हैं और ईसाई नहीं हैं.