कौन हैं तमिल गीतकार और कवि Vairamuthu जिनकी भगवान राम पर टिप्‍पणी को लेकर मचा बवाल?

Who Is Tamil Poet Vairamuthu: हाल ही में कवि वैरमुथु भगवान राम के कार्यों पर सवाल उठाते हैं. उन्होंने कहा कि सीता को खोने के बाद राम ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया था. जो व्यक्ति मानसिक रूप से अस्थिर होता है, उसके द्वारा किए गए अपराध को अपराध नहीं माना जाता.;

( Image Source:  @SaravananTamil_ )

Who Is Tamil Poet Vairamuthu: तमिलनाडु में इन दिनों संगीतकार और कवि वैरमुथु (Vairamuthu) के एक बयान को लेकर बवाल मचा हुआ है. उन्होंने माता सीता और राम को लेकर कुछ ऐसा कहा, जिससे सुनकर भारतीय जनता पार्टी और हिंदू संगठन गुस्से में आ गए हैं. वैरमुथु ने यह बयान प्राचीन तमिल कवि कांबर के नाम पर दिए गए एक पुरस्कार को लेते समय दिया. कांबर ने कांब रामायणम् की रचना की थी, जो रामायण का तमिल संस्करण है.

कवि वैरमुथु भगवान राम के कार्यों पर सवाल उठाते हैं. विशेषकर उनके राजा के रूप में और वनवास के समय किए गए आचरण में अंतर को लेकर. वैरमुथु ने कहा, सीता को खोने के बाद राम ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया था. इस बयान लेकर हंगामा मचा हुआ है. आगे हम आपको वैरमुथु के बारे में बताने वाले हैं.

कौन हैं कवि वैरमुथु?

वैरामुथु तमिलनाडु के एक प्रसिद्ध संगीतकार, कवि और लेखक है. उनका जन्म 13 जुलाई 1953 को तमिलनाडु के थेनई जिले के मेट्टूर गांव में हुआ था. उन्होंने तमिल साहित्य और सिनेमा में गहरा योगदान दिया है और उन्हें आधुनिक तमिल कविता का सशक्त स्वर माना जाता है.

वैरामुथु ने 1980 के दशक में तमिल फिल्मों के लिए गीत लेखन की शुरुआत की. वह इलैयाराजा, ए.आर. रहमान, हैरिस जयराज जैसे संगीतकारों के साथ कई यादगार गाने दिए. उन्होंने रोजा, बॉम्बे, अलायपायुथे जैसी फिल्मों के लिए लिखे गीतों से व्यापक प्रसिद्धि हासिल की. वे अब तक सात बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत चुके हैं, जो किसी भी भारतीय गीतकार के लिए एक रिकॉर्ड है. उन्हें भारत सरकार ने 2003 में पद्म श्री और 2014 में पद्म भूषण से सम्मान किया जा चुका है.

फिल्मों के अलावा वैरामुथु ने कई कविताएं, उपन्यास और सामाजिक मुद्दों पर लेख भी लिखे हैं. वे समय-समय पर अपने बयानों को लेकर विवादों में भी रहे हैं. चाहे वो धार्मिक मुद्दों पर टिप्पणी हो या ऐतिहासिक पर टिप्पणी शामिल है.

वैरामुथु ने क्या दिया था बयान

वैरमुथु ने कहा था कि सीता को खोने के बाद राम ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया था. जो व्यक्ति मानसिक रूप से अस्थिर होता है, उसके द्वारा किए गए अपराध को अपराध नहीं माना जाता. यह भारतीय दंड संहिता की धारा 84 (IPC Section 84) में स्पष्ट है. उन्होंने आगे कहा कि मुझे नहीं पता कि कांबर IPC जानते थे या नहीं, लेकिन समाज को वे जरूर समझते थे.

वैरमुथु ने कहा कि इस दृष्टिकोण से देखा जाए तो राम एक ऐसे आरोपी थे जिन्हें क्षमा कर दिया गया, वे एक मानव बने, जबकि कांबर स्वयं ईश्वर के स्तर तक पहुंच गए.

भाजपा का बयान

वैरमुथु के विवादित बयान पर भाजपा नेता सीआर केसवन ने पोस्ट किया. उन्होंने एक्स पर लिखा, वैरामुत्तु रामासामी पवित्र हिंदू देवताओं का अपमान करने और हिंदू धर्म का घोर दुरुपयोग करने के मामले में एक घृणित और बार-बार अपराध करने वाले व्यक्ति हैं. अब वैरामुत्तु जिन्होंने विडंबना यह है कि अपने नाम में 'राम' जोड़कर कम्ब रामायण की गलत व्याख्या की है, ने भगवान राम को मानसिक रूप से विक्षिप्त कहा है.

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