आखिर क्या चाहती है Byju's? दिवालिया कार्यवाही के बीच BCCI से सेटलमेंट, सुप्रीम कोर्ट ने उठाए सवाल

Supreme Court to Byju's: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि NCLT ने बायजू के खिलाफ दिवाला कार्यवाही बंद करते समय विवेक का प्रयोग नहीं किया. दिवालिया कार्यवाही शुरू होने के बाद बायजू ने बीसीसीआई के साथ समझौता किया था, जिसे लेकर कई करदाताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.;

Supreme Court to Byju's
By :  सचिन सिंह
Updated On : 26 Sept 2024 6:10 PM IST

Supreme Court to Byju's: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को संकटग्रस्त ऑनलाइन शैक्षणिक सेवा कंपनी बायजू (Byju's) को एक बार फिर से कटघरे में बुलाया है, जहां उस पर सवाल उठाए गए कि आखिर कंपनी अमेरिकी ऋणदाता ग्लास ट्रस्ट कंपनी एलएलसी सहित अन्य लेनदारों का 15,000 करोड़ रुपये का बकाया छोड़कर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को दिए गए 158 करोड़ रुपये के कर्ज का सेटलमेंट क्यों करना चाहती है.

दिवालिया कार्यवाही शुरू होने के बाद बायजू ने बीसीसीआई के साथ समझौता किया था. अब सवाल ये उठ रहे हैं कि इतने सारे कर्जदार के होते हुए बायजू ने बीसीसीआई को ही क्यों चुना? सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने पूछा, 'आपने अपने बकाए का निपटान करने के लिए सिर्फ बीसीसीआई को ही क्यों चुना? दूसरों के बारे में क्या? जब कर्ज इतना बड़ है, तो क्या एक लेनदार यह कहकर जा सकता है कि एक प्रमोटर मुझे भुगतान करने के लिए तैयार है? क्यी ये आपके व्यक्तिगत संपत्ति से होगा? जबकि आज आपके पास 15,000 करोड़ रुपये का कर्ज है.'

अमेरिकी समेत कई करदाताओं ने उठाए सवाल

सुप्रीम कोर्ट GLAS ट्रस्ट की अपील पर सुनवाई कर रहा है, जो 1.2 बिलियन डॉलर यानी करीब 10,000 हजार करोड़ के ऋणदाताओं का ट्रस्टी है. ट्रस्ट ने एडुटेक फर्म और BCCI के बीच हुए समझौते का विरोध किया था और आरोप लगाया था कि बायजू रवींद्रन के भाई रिजु रविंद्रन का भुगतान किया गया पैसा गलत था. कोर्ट ने पिछले महीने एनसीएलएटी के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें ऑनलाइन शैक्षणिक सेवा कंपनी बायजू की मूल कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड और बीसीसीआई के बीच 158.9 करोड़ रुपये के बकाये के निपटान सौदे को मंजूरी दी गई थी.

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल के उस फैसले पर भी आपत्ती जताई, जिसमें 16 जुलाई के आदेश को दरकिनार कर दिया गया था. इसमें थिंक एंड लर्न के खिलाफ दिवालियेपन की कार्यवाही शुरू करने के लिए बिना किसी सोच-विचार के और वह भी सिर्फ एक पैराग्राफ में आदेश दिया गया था.

महज एक साल में 95% गिरी बायजू की वैल्यू

भारत की अग्रणी एडटेक कंपनी बायजू पिछले दो साल में गहरे वित्तीय संकट का मार झेल रही है. इसमें भारत ही नहीं दुनिया भर के, खासकर अमेरिकी कर्जदाताओं से अच्छे पैसे कर्ज लिए थे. कर्ज नहीं दे पाने के कारण उसे अपने कर्जदाताओं के अलावा अन्य भुगतान विवादों का भी सामना करना पड़ रहा है. साल 2022 में यह देश की सबसे वैल्यूएबल स्टार्टअप कंपनी थी. इसकी रॉयल्टी ऐसी थी कि कंपनी ने शाहरुख खान जैसे सुपरस्टार को ब्रांड एंबेसडर बनाया और खुब प्रचार-प्रसार करवाएं. उस समय कंपनी की वैल्यूएशन 22 अरब डॉलर थी और अब इसकी वैल्यू 95% से अधिक गिर चुकी है. कंपनी दिवालिया होने के कगार पर खड़ी है.

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