'लैपटॉप और मोबाइल नहीं कर सकते एक्सेस', ED के लिए सुप्रीम कोर्ट की रेड लाइन का क्या है मतलब?

Supreme Court to ED: सैंटियागो मार्टिन की कंपनी फ्यूचर गेमिंग चुनावी बांड की सबसे बड़ी दानकर्ता थी, जिसने 2019 और 2014 के बीच 1,368 करोड़ रुपये के बांड खरीदे थे. मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जांच एजेंसियों के लिए डिवाइस एक्सेस को लेकर रेड लाइन तय की है.;

Supreme Court to ED
Edited By :  सचिन सिंह
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Supreme Court to ED: सैंटियागो मार्टिन मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रेड लाइन तय कर दी है. कोर्ट ने मामले में रिश्तेदारों और कर्मचारियों पर की गई तलाशी के दौरान जब्त किए गए लैपटॉप और मोबाइल फोन से कंटेट की कॉपी या एक्सेस नहीं कर सकते है.

जस्टिस अभय एस ओका और पंकज मिथल ने मामले की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि कोई भी जांच एजेंसी किसी के लैपटॉप या मोबाइल फोन से डेटा एक्सेस नहीं कर सकती है. मामले को लेकर कोर्ट ने कहा कि ED सैंटियागो मार्टिन के मोबाइल फोन और उनकी कंपनी के कर्मचारियों से संबंधित इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से कोई भी डेटा कॉपी या एक्सेस न करें.

याचिकाकर्ता की मांग

फ्यूचर गेमिंग की याचिका में चार मामलों में अमेज़ॅन इंडिया के कर्मचारियों कोर्ट में याचिका दायर की थी. इनमें से एक में याचिकाकर्ता ने अपने संवैधानिक और मौलिक अधिकारों की रक्षा की मांग की थी. उनका कहना था कि डिवाइस में प्राइवेट डिटेल्स होते हैं और ये किसी के हाथ लगने से ये जानकारियां सार्वजनिक हो सकती है.

सुप्रीम कोर्ट के इस टिप्पणी का मतलब

सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी ने नागरिकों के मौलिक और संवैधानिक अधिकार को लेकर बड़ा फैसला माना जा रहा है. कई केस में देखा जाता है कि जांच एजेंसियां या पुलिस मनमानी तरीकों से नागरिकों के मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त कर लेती है. यहां तो ठिक है, लेकिन इनके एक्सेस पर आपत्ति उठाई जाती है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट का फैसला बेहद महत्वपूर्ण है. 

क्या था मामला?

फ्यूचर गेमिंग की ओर से दायर याचिका में ईडी की तलाशी के दौरान जब्त किए गए 12 इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की लिस्ट दी थी. इनमें 17 मोबाइल फोन, डेटा डंप वाले कंप्यूटर की हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव और मार्टिन, उनके परिवार के सदस्यों और कर्मचारियों से जब्त किए गए कुछ ईमेल का बैक-अप शामिल हैं.

मेघालय पुलिस की एक शिकायत के बाद ED ने 6 राज्यों में 22 जगहों पर तलाशी ली, जिसमें आरोप लगाया गया था कि फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने राज्य में लॉटरी के कारोबार पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है. तलाशी में 12.41 करोड़ रुपये कैश मिले थे. ED की ये कार्रवाई मेघायल पुलिस की शिकायत के बाद की गई. मेघायल पुलिस का कहना था कि लॉटरी को बिजनेस का गैरकानूनी तरीका बना लिया गया है.

चुनावी बॉन्ड की सबसे बड़ी डोनर थी फ्यूचर गेमिंग

सैंटियागो मार्टिन की कंपनी फ्यूचर गेमिंग चुनावी बॉन्ड की सबसे बड़ी डोनर थी, जिसने 2019 और 2014 के बीच 1,368 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे थे. तृणमूल कांग्रेस 542 करोड़ रुपये के साथ इसकी सबसे बड़ी लाभार्थी रही, जबकि डीएमके 503 करोड़ रुपये के साथ दूसरे स्थान पर रही. इसमें बीजेपी को भी 100 करोड़ रुपये देने की बात सामने आई थी.

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