अब सुप्रीम कोर्ट के जज भी देंगे अपनी संपत्ति का ब्यौरा, चीफ जस्टिस को देनी होगी प्रॉपर्टी खरीदने की जानकारी

हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से बड़ी मात्रा में जले हुए नोट मिलने से सनसनी फैल्‍ गई थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया है कि उसे सारे जज अब अपनी संपत्ति का खुलासा करेंगे जिसकी सारी जानकारी सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी.;

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Edited By :  प्रवीण सिंह
Updated On : 28 Nov 2025 4:58 PM IST

सुप्रीम कोर्ट के जज अब अपनी संपत्ति का खुलासा करेंगे. यह फैसला न्यायपालिका में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए लिया गया है. सुप्रीम कोर्ट की पूर्ण पीठ की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि हर जज अपने पदभार ग्रहण करने के बाद अपनी संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक करेंगे. यह जानकारी सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध होगी.

हालांकि, संपत्ति घोषित करना अनिवार्य नहीं, बल्कि स्वैच्छिक होगा.

  • मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना समेत 30 जजों ने अपनी संपत्ति का खुलासा कर दिया है
  • अगर कोई जज बाद में कोई महत्वपूर्ण संपत्ति खरीदते हैं, तो उन्हें इसकी जानकारी मुख्य न्यायाधीश को देनी होगी
  • संपत्ति की जानकारी सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी
  • यह फैसला न्यायपालिका में पारदर्शिता बढ़ाने और जनता के विश्वास को मजबूत करने के लिए लिया गया है

अभी क्‍या हैं नियम

वर्तमान नियमों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के जजों को पदभार ग्रहण करने के बाद अपनी संपत्ति का विवरण मुख्य न्यायाधीश को देना आवश्यक होता है. हालांकि, इसे सार्वजनिक करने की कोई अनिवार्य शर्त नहीं रही है. सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर पहले से ही जजों की संपत्ति घोषणाओं के लिए एक विशेष सेक्शन मौजूद है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इसे नियमित रूप से अपडेट नहीं किया गया.

विवाद के बाद आया फैसला

यह कदम उस समय उठाया गया है जब हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से जली हुई नकदी मिलने की खबरें आई थीं.

इस घटना के बाद कानून मंत्रालय ने जस्टिस वर्मा के ट्रांसफर का नोटिफिकेशन जारी किया. हालांकि, जस्टिस वर्मा ने इन आरोपों का खंडन किया और कहा कि उनके या उनके परिवार के किसी भी सदस्य ने उनके घर में किसी भी रूप में नकदी नहीं रखी थी.

जस्टिस वर्मा का तबादला और जांच शुरू

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अगुवाई में कोलेजियम ने जस्टिस वर्मा का तबादला इलाहाबाद हाई कोर्ट में करने की सिफारिश की. हालांकि कोलेजियम ने साफ किया कि यह तबादला उनके खिलाफ चल रही जांच से अलग फैसला था. पिछले हफ्ते, मुख्य न्यायाधीश खन्ना ने तीन जजों की एक समिति बनाई, जो जस्टिस वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों की जांच करेगी. इसके साथ ही, दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को निर्देश दिया गया कि जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक जस्टिस वर्मा को कोई नया केस न दिया जाए. इस आदेश के बाद, दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय ने जस्टिस वर्मा से सभी न्यायिक जिम्मेदारियां हटा लीं.

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