तमिलनाडु के पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी को SC से मिली जमानत, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने किया था गिरफ्तार

Cash-For-Jobs Case: सेंथिल बालाजी को ईडी ने कथित घोटाले के सिलसिले में जून 2023 में गिरफ्तार किया था. उन्हें जांच के सीलसीले में गिरफ्तार किया गया था.;

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By :  सचिन सिंह
Updated On : 26 Sept 2024 2:49 PM IST

Cash-For-Jobs Case: सुप्रीम कोर्ट ने आज तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी सेंथिल बालाजी को ज़मानत दे दी है. उन्हें कथित कैश-फॉर-जॉब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जून 2023 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था. ये घोटाला दिवंगत जे जयललिता की सरकार में 2011 और 2015 के बीच हुआ था. तब वी सेंथिल बालाजी सरकार में तमिलनाडु के परिवहन मंत्री थे.

बालाजी को जब ईडी ने गिरफ़्तार किया था, जब वह डीएमके के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (MK Stalin) की सरकार में बिजली मंत्री थे. उन्हें घंटों पूछताछ के बाद हिरासत में लिया गया था, जहां सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. ईडी ने पिछले साल 12 अगस्त को बालाजी के खिलाफ 3,000 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया था. 19 अक्टूबर 2024 को हाई कोर्ट ने बालाजी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. स्थानीय अदालत में भी तीन बार उनकी जमानत याचिका खारिज कर चुकी है.

बालाजी को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत तो दी है लेकिन उनके सामने कुछ शर्तें भी रखी गई हैं.

  1. बालाजी को सप्ताह में दो बार (गिरफ्तार करने वाले अधिकारियों के समक्ष) उपस्थित होना होगा
  2. वह साक्ष्यों या गवाहों के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सरके हैं.
  3. उन्हें अपना पासपोर्ट पहले ही जमा कराना होगा

सरकार बनते ही बालाजी की हुई थी गिरफ्तारी

बालाजी के खिलाफ कार्रवाई कर्नाटक विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद की गई थी. बालाजी अपनी गिरफ्तारी के बाद अस्पताल जाते समय एंबुलेंस में ही रो पड़े थे. मामले को लेकर डीएमके ने कहा कि भाजपा ने हार से पैदा हुई घबराहट को कम करने के लिए उसके नेता को निशाना बनाया था. ईडी ने बालाजी के घर, तमिलनाडु सचिवालय में उनकी ऑफिस और करूर जिले में उनके भाई और एक करीबी सहयोगी के परिसरों पर छापेमारी की थी. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने राज्य भर में उनके सहयोगियों की कई संपत्तियों की तलाशी लेने के बाद यह कार्रवाई की थी


रिहाई के बाद बालाजी को मिलेगा मंत्री पद? 

बालाजी की रिहाई पर उनके समर्थकों और डीएमके पार्टी कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया, पटाखे फोड़े, पार्टी के झंडे लहराए और उनके नाम पर नारे लगाए. हालांकि इसे लेकर कोई अपडेट सामने नहीं आया है कि उन्हें अब तमिलनाडु मंत्रिमंडल में फिर से शामिल किया जाएगा या नहीं. बालाजी को समर्थन के तौर पर बरकरार रखा गया था, जिसे लेकर राज्यपाल आरएन रवि के साथ तीखी बहस भी हुई थी. उन्होंने फरवरी में इस्तीफा दे दिया था, जब हाई कोर्ट ने कहा था कि राजनीतिक मजबूरियां सार्वजनिक नैतिकता से अधिक महत्वपूर्ण नहीं हो सकती है. 

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