बचके रहना रे बाबा! पेंशन के नाम पर फर्जी व्हाट्सएप मैसेज, पूर्व रक्षा कर्मियों को किया गया अलर्ट

SPARSH warns pensioners: फर्जी व्हाट्सएप मैसेज में दावा किया गया था कि पेंशन संबंधी समस्याओं को व्हाट्सएप के माध्यम से हल किया जा सकता है और पेंशनभोगियों से बैंक खाते और पेंशन संबंधी जानकारी जैसी संवेदनशील जानकारी शेयर करने की अपील की गई. इसके बाद  SPARSH ने सशस्त्र बल पेंशनभोगियों को अलर्ट किया है.;

SPARSH warns pensioners(Image Source:  Canva )
Edited By :  सचिन सिंह
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SPARSH warns pensioners: फ्रॉड करने वाले कुछ भी करने को तैयार हैं. देश की सेवा करने वाले जवानों को भी नहीं छोड़ रहे हैं. इसे लेकर पेंशन प्रशासन रक्षा प्रणाली (SPARSH) ने सशस्त्र बलों के पेंशनभोगियों अलर्ट किया है. इस मैसेज के जरिए फ्रॉड करने वाला पर्सनल और फाइनेंसियल जानकारी चुराने के लिए व्हाट्सएप मैसेज भेजता है.

पेंशनभोगियों के लिए यह चेतावनी फर्जी संदेशों के बाद आई है जिसमें दावा किया गया था कि पेंशन से संबंधित मुद्दों को व्हाट्सएप के माध्यम से हल किया जा सकता है, जिसमें पेंशनभोगियों से बैंक खाते और पेंशन जानकारी जैसी संवेदनशील जानकारी शेयर करने की मांग की गई.

व्हाट्सएप पर नहीं है SPARSH की सेवाएं

पेंशन प्रशासन रक्षा प्रणाली (SPARSH) ने मामले को लेकर पेंशनभोगियों से स्पष्ट किया कि वह किसी भी सेवा के लिए व्हाट्सएप का उपयोग नहीं करता है और सवालों के समाधान के लिए उसके पास कोई अधिकृत व्हाट्सएप नंबर नहीं है.

SPARSH ने कहा, 'ये मैसेज धोखाधड़ी वाले हैं और पैसों की चोरी का कारण बन सकते हैं.' उन्होंने पेंशनभोगियों को सलाह दी कि वे पेंशन बुक या बैंक रिकॉर्ड जैसे प्राइवेट डॉक्यूमेंट्स को अनजान सोर्स के साथ शेयर करने से बचें.

क्या है SPARSH?

SPARSH पूर्व रक्षा कर्मियों को पेंशन की प्रोसेसिंग और वितरण के लिए एक केंद्रीकृत प्रणाली है, जो दावों, भुगतानों और शिकायत निवारण के लिए काम करता है. एजेंसी ने इस बात पर जोर दिया कि इसकी सेवाएं केवल इसके आधिकारिक पोर्टल या अधिकृत सेवा केंद्रों के माध्यम से ही उपलब्ध हैं. पेंशनभोगियों से आग्रह है कि वे किसी भी संदिग्ध संदेश की सूचना स्पर्श के आधिकारिक संपर्क चैनलों पर दें तथा धोखाधड़ी के प्रति सतर्क रहें.

हाल में ही पेंशन संबंधी सभी गतिविधियों के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म स्पर्श के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए 14 नवंबर को तंजावुर में आयोजित एक बैठक में 1,000 से अधिक पूर्व सैनिकों और रक्षा नागरिकों ने भाग लिया

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