महाराष्‍ट्र का सिंधुदुर्ग बना देश का पहला AI-Enabled जिला, इससे क्‍या आएगा बदलाव?

सिंधुदुर्ग महाराष्ट्र का पहला AI-Enabled जिला बन गया है. प्रशासनिक कार्यों में तेजी, कानून-व्यवस्था में सुधार, स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का लाभ और वन्य जीवन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए AI लागू किया गया. नीति आयोग जल्द इस मॉडल का अध्ययन करेगा. जिले में हाईवे सुरक्षा, लंबित मामलों का समाधान और नागरिकों की सुरक्षा में सुधार हुआ है. इस पहल से पूरे देश में प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने की राह खुलेगी.;

( Image Source:  ANI )
Curated By :  नवनीत कुमार
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महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले ने देश में एक नया इतिहास रचते हुए प्रशासन और सार्वजनिक सुरक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लागू करने वाला पहला जिला बन गया है. 1 मई 2025 से जिला के आठ प्रमुख विभागों में एआई सिस्टम का संचालन शुरू हो चुका है. इस पहल से प्रशासनिक कार्यों में तेजी, पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने की उम्मीद है.

इस पहल का अध्ययन करने के लिए नीति आयोग (NITI Aayog) की टीम अगले महीने जिले का दौरा करेगी. मछली पालन और बंदरगाह मंत्री तथा सिंधुदुर्ग संरक्षक मंत्री नितेश राणे ने मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार के मार्गदर्शन और समर्थन से यह मील का पत्थर हासिल हुआ.

क्या मिली सफलता?

नितेश राणे के अनुसार, यह पहल सिंधुदुर्ग की ग्रामीण छवि को बदलकर उसे तकनीकी दृष्टि से सक्षम जिला बना रही है. एआई की मदद से जिले में नागरिकों, व्यवसायों और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है. हाईवे दुर्घटनाओं की रोकथाम और जांच के साथ-साथ हाथियों की गतिविधियों जैसी समस्याओं का भी बेहतर समाधान किया जा रहा है. एआई सिस्टम ने लंबे समय से रुके मामलों को भी तेजी से सुलझाना शुरू कर दिया है. फिलहाल, शहरी विकास, आरटीओ, पुलिस, स्वास्थ्य और जिला परिषद जैसे महत्वपूर्ण विभागों में यह सिस्टम सक्रिय है.

क्‍या आएगा बदलाव?

सिंधुदुर्ग को AI-enabled जिला बनाने से प्रशासन में तेजी, पारदर्शिता और दक्षता बढ़ेगी. नागरिक सरकारी सेवाओं का लाभ तेजी से उठा सकेंगे, पुलिस अपराध और दुर्घटनाओं पर बेहतर नियंत्रण रख सकेगी, स्वास्थ्य विभाग मरीजों का त्वरित और सटीक निदान कर पाएगा, किसानों को कम संसाधन में अधिक उत्पादन के उपाय मिलेंगे और वन्यजीवों से संबंधित जोखिम कम होंगे. इस पहल से जिले में सुरक्षा, विकास और जीवन की गुणवत्ता में स्पष्ट सुधार आएगा और यह पूरे देश के लिए एक मॉडल बन जाएगा.

तेज प्रशासनिक कार्य और पारदर्शिता

‘एआई सिंधुदुर्ग मॉडल’ के माध्यम से प्रशासनिक प्रक्रियाओं में गति और पारदर्शिता बढ़ रही है. अब लोगों को कार्यालयों में घंटों खड़े रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी. स्वास्थ्य विभाग में एआई का उपयोग एक्स-रे और अन्य जाँच में तेज निदान और सटीक उपचार के लिए किया जा रहा है. कृषि विभाग के लिए भी विशेष एआई समाधान तैयार किया जा रहा है. यह किसानों को कम पानी और उर्वरक का उपयोग कर अधिक उत्पादन प्राप्त करने के तरीके बताएगा और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा.

वन्य जीवन और सुरक्षा में मदद

सिंधुदुर्ग के वन विभाग में कर्मचारियों की कमी को ध्यान में रखते हुए एआई आधारित मॉनिटरिंग लागू की गई है. यह जानवरों की गतिविधियों और आदतों पर नजर रखेगा और समय पर चेतावनी देगा. परिणामस्वरूप वन्य जीवन और मानव सुरक्षा दोनों सुनिश्चित होगी. इस पहल से वन्यजीवों और स्थानीय निवासियों के बीच टकराव कम होगा और कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ेगी.

कानून-व्यवस्था में सुधार

पुलिस विभाग में एआई की मदद से कानून व्यवस्था बनाए रखना और अपराध नियंत्रण करना आसान हो गया है. चोरी, सड़क दुर्घटनाएं और अन्य अपराधों पर निगरानी रखी जा रही है. यह सिस्टम पुलिस अधिकारियों को सही समय पर निर्णय लेने और संसाधनों का उचित वितरण करने में मदद करेगा. एआई आधारित निगरानी से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर होगी.

नीति आयोग का अध्ययन

नितेश राणे ने बताया कि नीति आयोग के सदस्य अक्टूबर के पहले सप्ताह में सिंधुदुर्ग का दौरा करेंगे. उनका उद्देश्य एआई मॉडल की सफलता का अध्ययन करना और इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की संभावनाओं को देखना है. इस पहल को राज्य सरकार द्वारा भी प्रोत्साहन मिला है और उम्मीद की जा रही है कि यह मॉडल पूरे देश के अन्य जिलों में भी अपनाया जाएगा.

तकनीकी सहायता और सहयोग

इस पहल को मार्वल कंपनी द्वारा विकसित किया गया है, जिसे जिले में एआई आधारित प्रशासनिक कार्यों में विशेषज्ञता हासिल है. स्थानीय अधिकारियों के सहयोग से यह मॉडल तेजी से लागू हो रहा है. सिंधुदुर्ग जिला अब तकनीक और नवाचार के मामले में देश में एक उदाहरण बन गया है.

भविष्य में बदलाव

इस AI-enabled पहल से नागरिकों के लिए सरकारी सेवाओं तक पहुंच आसान होगी, अपराधों और दुर्घटनाओं पर तेजी से नियंत्रण रहेगा, किसानों और स्वास्थ्य विभाग को आधुनिक तकनीक का लाभ मिलेगा और वन्य जीवन से जुड़े खतरे कम होंगे. सिंधुदुर्ग का यह मॉडल भारत में प्रशासनिक दक्षता, सुरक्षा और सतत विकास के नए युग की शुरुआत कर रहा है.

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