SCO सम्मेलन में एस जयशंकर ने खोली पोल, पाक-चीन की निकली हवा, 10 पॉइंट्स में जानिए मीटिंग की पूरी बातें
SCO summit 2024: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में आयोजित एससीओ के शासनाध्यक्षों की परिषद की 23वीं बैठक में एस जयशंकर ने हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान का नाम लिए बिना ही उस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा का भी विरोध किया.;
SCO summit 2024: एससीओ शिखर सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत की बात बेबाकी से रखते हुए पाकिस्तान और चीन की हेकड़ी निकाल दी है. उन्होंने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) के जरिए पाकिस्तान को इशारों ही इशारों में सुना दिया. पाकिस्तान के जिन्ना कन्वेंशन सेंटर में बहुप्रतीक्षित दो दिवसीय शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन हुआ. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अध्यक्ष के तौर पर शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की.
आइए 10 पॉइंट्स में जानते हैं शंघाई सहयोग संगठन के दौरान क्या हुए-
- CPEC को लेकर एस जयशंकर ने वहां मौजूद चीन के सामने ही पाकिस्तान को इशारों में ही लताड़ लगाई. उन्होंने कहा कि सहयोग आपसी सम्मान और संप्रभु समानता पर आधारित होना चाहिए, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को मान्यता देनी चाहिए और एकतरफा एजेंडों पर नहीं बल्कि वास्तविक साझेदारी पर आधारित होना चाहिए.
- एस जयशंकर ने आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान का नाम लिए बिना इस बात पर जोर दिया कि यह सब जानते हैं कि विकास और वृद्धि के लिए शांति और स्थिरता की आवश्यकता होती है. यदि सीमा पार की गतिविधियां आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद को आगे रखती हैं तो किसी भी मुद्दे पर साथ आ पाना बेहद मुश्किल है.
- विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने भाषण में पाकिस्तान पर हमला करते हुए क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और आतंकवाद-रोधी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की बात की. उन्होंने आम चुनौतियों से निपटने के लिए सदस्य देशों के बीच सहयोग के महत्व पर जोर दिया. क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए भारत की बात भी की.
- पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को इस्लामाबाद में उच्च स्तरीय शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन को संबोधित किया, जहां उन्होंने सभी सदस्य देशों की सहायता से एकता के माध्यम से समृद्धि की बात की.
- शहबाज शरीफ ने एससीओ शिखर सम्मेलन को हमारे विविध देशों के बीच संबंधों और सहयोग की मजबूती का एक और प्रमाण" बताया. उन्होंने कहा, 'हम सब मिलकर सामाजिक-आर्थिक प्रगति को आगे बढ़ाने, क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बढ़ाने तथा अपने नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने की क्षमता रखते हैं.'
- विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस्लामाबाद में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के दौरान मंगोलिया के प्रधानमंत्री ओयुन-एर्डीन लुवसन्नामसराय से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने कहा, 'एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान मंगोलिया के प्रधानमंत्री ओयुनेरडेनमन से मिलकर प्रसन्नता हुई. हमारी द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा हुई.'
- एस जयशंकर ने कहा कि एससीओ को इस बात पर जोर देना चाहिए कि वैश्विक संस्थाओं को सुधारित बहुपक्षवाद के माध्यम से तालमेल बनाए रखने की आवश्यकता है ताकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण, समावेशी, पारदर्शी, कुशल, प्रभावी, लोकतांत्रिक और जवाबदेह बनाया जा सके.
- एससीओ स्टार्टअप फोरम, स्टार्टअप, इनोवेशन और पारंपरिक चिकित्सा पर एसडब्ल्यूजी जैसी पहलों को बढ़ावा देने की बात की, जिसका एससीओ सदस्यों ने स्वागत किया. वहीं भारत के प्रयास से डीपीआई और डिजिटल समावेशन भी अब एससीओ सहयोग ढांचे का हिस्सा बनेगा.
- एससीओ सम्मेलन के दौरान बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को कमजोर करने वाले और सतत वैश्विक विकास में बाधा डालने वाली संरक्षणवादी कार्रवाइयों, एकतरफा प्रतिबंधों और व्यापार प्रतिबंधों का विरोध किया गया. वहीं भारत ने रूस को एससीओ सीएचजी की अगली अध्यक्षता संभालने पर शुभकामनाएं दीं.
- भारत ने एक बार फिर चीन की महत्वाकांक्षी 'वन बेल्ट वन रोड' पहल का समर्थन करने से इनकार कर दिया, जिससे वह शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का एकमात्र देश बन गया, जिसने विवादास्पद संपर्क परियोजना का समर्थन नहीं किया.