कैसा है समंदर पर बना नया पंबन ब्रिज? नीचे से गुजरेंगे जहाज, रेल मंत्री अश्विणी वैष्णव ने बताई ये खूबियां
रामेश्वरम में तैयार हुए नए पबंन ब्रिज बनकर तैयार हो चुका है. इस नए ब्रिज पर 80 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ने वाली है. जानकारी के अनुसार जिस समय ट्रेन ब्रिज पर नहीं गुजरेगी उस समय स्लैब उठाकर नीचे जहाजों को भी रवाना किया जा सकता है.;
भारत के पहले वर्टिकल ब्रिज पंबन ब्रिज की तस्वीरें रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर शेयर की है. ये ब्रिज 105 साल पुराने ब्रिज की जगह लेने वाला है. वहीं सोशल मीडिया पर तस्वीरें शेयर करते हुए इसकी खूबियों का भी जिक्र उन्होंने किया है. आपको बता दें कि ये नया पंबन ब्रिज मंडपम को पंबन से जोड़ता है. इससे रामेश्वरम धाम जाने वाले श्रद्धालु आसानी से पहुंच सकते हैं.
अपने पोस्ट में पंबन ब्रिज को एक मॉडर्न इंजीनियरिंग चमत्कार बताया है. उन्होंने कहा कि यह परियोजना "एक महत्वपूर्ण अुग्रेड है. इससे स्पीड, सेफ्टी और इनोवेशन के लिए तैयार किया गया है.
कितने किलोमीटर की है लंबाई?
रेल मंत्री ने सोशल मीडिया पर किए पोस्ट पर इस नए ब्रिज की तस्वीरें शेयर की और कहा कि नया पंबन ब्रिज 2.05 किलोमीटर लंबा 72 किलोमीटर वर्टिकल लिफ्ट स्पैन वाला ब्रिज है. उन्होंने कहा कि ये देश में पहला ब्रिज है. इसे TYPSA इंटरनेशनल कंसल्टेंट द्वारा तैयार किया गया है. उन्होंने इसके डिजाइन के बारे में बताते हुए कहा कि इसका डिजाइन स्टील ब्रिज का होने वाला है. साथ ही डिजाइन में यूरोपीय और भारतीय कोड का इस्तेमाल हुआ है.
भले ही इस ब्रिज को तैयार करके इसका ट्रायल भी पूरा कर लिया हो. लेकिन इस पर कमिश्नर रेलवे ने इसकी सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उनके सवाल खड़े करने के बाद रेलवे ने हाईलेवल कमीटी का गठन किया है. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में इन कमियों का जिक्र करते हुए रेल मंत्रालय को यह रिपोर्ट भेजी.
कब बना था पुराना ब्रिज?
इस ब्रिज को साल 1911 से बनाना शुरू किया गया था. साल 1914 में इसका उद्धघाटन 24 फरवरी को हुआ था. उस समय भारत का ये एकमात्र ही ब्रिज था. मौजूदा समय में पंबन ब्रिज को रेल विकास निगम लि. (RVNL) ने 535 करोड़ की लागत में रिकंस्ट्रक्ट किया है. वहीं रेल मंत्री अश्वीनी वैष्णव ने पुराने ब्रिज का भी जिक्र करते हुए बताया कि साल 2022 दिसंबर महीने में इसे बंद किया गया था. इसके पीछे का कारण ब्रिज पर जंग लगना था.
उन्होंने बताया कि साल 1914 में इस ब्रिज को तैयार किया गया था 105 सालों से पंबन द्वीप रामेश्वरम को एक साथ जोड़ने में काफी सहायक साबित हुआ है. लेकिन जंग लगने के कारण इसे साल 2022 में बंद किया गया था. उन्होंने कहा कि अब ये नया ब्रिज कनेक्टिविटी के एक नए युग का प्रतीक है." रेल मंत्री ने बताया कि इस ब्रिज पर 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन यहां दौड़ेगी.
नीचे से गुजरेंगे जहाज
उन्होंने रफ्तार के साथ-साथ ये भी बताया कि दो रेल पटरियां ब्रिज पर बिछाई गई हैं. जिस समय पटरी से ट्रेन नहीं गुजरेगी उस दौरान ब्रिज के स्लैब को ऊपर उठाकर नीचे से जहाज भी आसानी से गुजर सकते हैं. बता दें कि इस ब्रिज को रेल विकास निगम लिमिटेड ने तैयार किया है. रेल मंत्री ने पुराने और नए में फर्क बाताते हुए कहा कि पुराने ब्रिज में मैनुअल शेजर लिफ्ट स्पैन, सिंगल ट्रैक और 19 मीटर की एयर क्लीयरेंस के साथ-साथ कम रफ्तार वाली ही ट्रेनों तक सीमित था. लेकिन अब ये नए ब्रिज में ऑटोमैटिक लिफ्ट स्पैन जो 22 मीटर के सफर के साथ-साथ सेफ एग्जिट देता है.