पीएम मोदी ने पढ़ी गोपालदास नीरज की कविता, जानें किशोर कुमार को लेकर क्या कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में जवाब दिया. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर शायराना अंदाज में तंज कसा और गोपाल दास नीरज की कविताएं उद्धृत कीं. कविता 'मेरे देश उदास न हो, फिर दीप जलेगा' के माध्यम से उन्होंने आशा और सकारात्मकता का संदेश दिया, साथ ही कांग्रेस के शासनकाल पर कटाक्ष किया.;
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि खरगे जी सदन में अक्सर कविताएं सुनाते हैं, एक मैं भी सुना देता हूं. इसके बाद प्रधानमंत्री ने एक शेर पढ़ा, "तमाशा करने वालों को क्या खबर, हमने कितने तूफानों को पार कर दिया जलाया है."
प्रधानमंत्री ने आगे मशहूर कवि गोपाल दास नीरज की एक कविता भी सुनाई, जो उन्होंने कांग्रेस के शासनकाल के दौरान लिखी थी. प्रधानमंत्री ने नीरज की कविता का जिक्र करते हुए कहा, "जब कांग्रेस का समय था, तब नीरज जी ने कहा था- मेरे देश उदास न हो, फिर दीप जलेगा." इस कविता के माध्यम से प्रधानमंत्री ने कांग्रेस के शासनकाल को निशाना बनाते हुए उनके शासन के दौरान के हालात की आलोचना की.
प्रधानमंत्री ने गोपाल दास नीरज की कविता उस समय की निराशा को समाप्त करने की उम्मीदों को दर्शाती है. यह भी बताती है कि भले ही आज रात घने अंधेरे में खोई हुई हो, फिर भी सुबह की रोशनी आएगी. प्रधानमंत्री ने इन कविताओं के माध्यम से विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए आशा और सकारात्मकता का संदेश दिया.
आप भी पढ़िए गोपाल दास नीरज की कविता
मेरे देश उदास न हो, फिर दीप जलेगा, तिमिर ढलेगा!
यह जो रात चुरा बैठी है चांद सितारों की तरुणाई,
बस तब तक कर ले मनमानी जब तक कोई किरन न आई,
खुलते ही पलकें फूलों की, बजते ही भ्रमरों की वंशी
छिन्न-भिन्न होगी यह स्याही जैसे तेज धार से काई,
तम के पांव नहीं होते, वह चलता थाम ज्योति का अंचल
मेरे प्यार निराश न हो, फिर फूल खिलेगा, सूर्य मिलेगा!
मेरे देश उदास न हो, फिर दीप जलेगा, तिमिर ढलेगा!
पीएम ने इस कविता को भी पढ़ा था
है बहुत अंधियार अब सूरज निकलना चाहिए
जिस तरह से भी हो ये मौसम बदलना चाहिए
रोज़ जो चेहरे बदलते है लिबासों की तरह
अब जनाज़ा ज़ोर से उन का निकलना चाहिए
अब भी कुछ लोगो ने बेची है न अपनी आत्मा
ये पतन का सिलसिला कुछ और चलना चाहिए
फूल बन कर जो जिया है वो यहां मसला गया
ज़ीस्त को फ़ौलाद के सांचे में ढलना चाहिए
छीनता हो जब तुम्हारा हक़ कोई उस वक़्त तो
आंख से आंसू नहीं शोला निकलना चाहिए
दिल जवां सपने जवां मौसम जवां शब भी जवां
तुझ को मुझ से इस समय सूने में मिलना चाहिए
किशोर कुमार को लेकर पीएम मोदी ने क्या कहा?
संसद के उच्च सदन में अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मशहूर गायक किशोर कुमार का नाम लिया और कहा कि किशोर कुमार जी ने कांग्रेस के लिए गाना गाने से मना कर दिया था. इस एक गुनाह के लिए आकाशवाणी ने उनके सभी गानों पर प्रतिबंध लगा दिया था.
मजरूह सुल्तानपुरी और बलराज साहनी गए थे जेल
पीएम मोदी ने कहा कि जब नेहरू जी प्रधानमंत्री थे, मुंबई में एक मजदूर हड़ताल के दौरान मजरूह सुल्तानपुरी ने एक गीत गाया था. इस कविता को गाने के लिए उन्हें जेल भेज दिया गया था. वहीं, बलराज साहनी भी एक जुलूस में शामिल हुए थे, जिसके लिए उन्हें भी जेल में बंद कर दिया गया था.