पायलट ड्यूटी नियमों में खेल! DGCA ने एयर इंडिया को लताड़ा, चालाकी पर CEO को लगाई फटकार

पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र बंद होने पर दी गई पायलट ड्यूटी नियमों की अस्थायी छूट का एयर इंडिया ने गलत इस्तेमाल किया. DGCA का आरोप है कि अप्रभावित रूट पर भी क्रू घटाकर पायलटों से लंबी उड़ान भरवाई गई. अहमदाबाद हादसे के बाद हुई जांच में CEO कैंपबेल विल्सन को नियम पालन में विफल पाया गया. एयर इंडिया का कहना- गलतफहमी थी, सुधार कर लिया.;

Edited By :  नवनीत कुमार
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पाकिस्तान ने 24 अप्रैल 2025 को अचानक भारतीय एयरलाइनों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया था. इस फैसले से पश्चिमी देशों के लिए जाने वाली कई उड़ानें प्रभावित हुईं. स्थिति संभालने के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एयर इंडिया को उड़ान ड्यूटी समय सीमा (FDTL) नियमों में अस्थायी छूट दी थी. इस छूट का उद्देश्य केवल उन्हीं रूट पर पायलटों को अधिकतम उड़ान समय की अनुमति देना था, जिन पर पाकिस्तानी वायुक्षेत्र बंद होने का सीधा असर पड़ा.

DGCA का आरोप है कि एयर इंडिया ने इस छूट का फायदा उठाते हुए अप्रभावित रूट पर भी पायलटों के काम के घंटे बढ़ा दिए. बेंगलुरु-लंदन उड़ान, जो पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से होकर नहीं जाती थी, में क्रू की संख्या तीन से घटाकर दो कर दी गई. इससे न सिर्फ पायलटों पर अतिरिक्त दबाव पड़ा, बल्कि यह नियमों की भावना के भी खिलाफ था. एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसे “अति-चालाकी” और सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करार दिया.

अहमदाबाद हादसे के दिन छूट खत्म

FDTL में दी गई यह विशेष छूट 12 जून 2025 को समाप्त हुई. संयोग से उसी दिन एयर इंडिया की अहमदाबाद उड़ान एआई-171 हादसे का शिकार हुई, जिससे DGCA का ध्यान सुरक्षा और पायलट ड्यूटी मैनेजमेंट पर और बढ़ गया. हालांकि हादसे का कारण अभी आधिकारिक रूप से घोषित नहीं हुआ है, लेकिन यह घटना पायलट थकान और लंबी ड्यूटी शेड्यूल पर बहस को तेज कर गई.

नोटिस और जांच की प्रक्रिया

अहमदाबाद हादसे के नौ दिन बाद, 21 जून को DGCA ने 16 और 17 मई को बेंगलुरु-लंदन की दो उड़ानों के लिए एयर इंडिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया. नोटिस में कहा गया कि इन उड़ानों में पायलटों ने 10 घंटे से अधिक समय तक उड़ान भरी, जो उस समय लागू FDTL छूट की सीमा से भी अधिक था. जांच में एयरलाइन का जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया.

सीईओ पर सीधा ठीकरा

11 अगस्त को DGCA ने अपने आधिकारिक पत्र में साफ लिखा कि एयर इंडिया के ‘जवाबदेह प्रबंधक’ यानी सीईओ कैंपबेल विल्सन नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने में विफल रहे. चेतावनी पत्र में उन्हें भविष्य में नागरिक उड्डयन आवश्यकताओं का कड़ाई से पालन करने की सलाह दी गई. यह कदम उद्योग जगत के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि जवाबदेही टॉप मैनेजमेंट पर भी तय की जाएगी.

एयर इंडिया का आया बयान

एयर इंडिया ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि समस्या हवाई क्षेत्र बंद होने की अनुमति की “अलग व्याख्या” से पैदा हुई. सही दिशा-निर्देश मिलते ही रोस्टरिंग को तुरंत सुधार दिया गया. प्रवक्ता के अनुसार, एयर इंडिया अब पूरी तरह से DGCA नियमों का पालन कर रही है. हालांकि, इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि सुरक्षा और नियम अनुपालन में कोई भी ढिलाई न केवल कानूनी कार्रवाई बल्कि प्रतिष्ठा को भी बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है.

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