बिल्डर ने दी थी 3.5 लाख की सुपारी! गोपाल खेमका हत्याकांड का शूटर और मास्टरमाइंड गिरफ्तार; पूछताछ में क्या चला पता?

पटना के कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या की गुत्थी अब सुलझने लगी है. पुलिस ने मास्टरमाइंड बिल्डर अशोक शाह, शूटर उमेश यादव और उसके साथी राजा को गिरफ्तार किया है. सिर्फ साढ़े तीन लाख की सुपारी में की गई इस हत्या के तार जेल और जमीन विवाद से जुड़े हैं. जांच में और भी नाम सामने आने की संभावना है.;

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Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 8 July 2025 6:34 AM IST

पटना के चर्चित व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या की गुत्थी अब सुलझती नजर आ रही है. पुलिस जांच में सामने आया कि इस हत्याकांड की सुपारी सिर्फ साढ़े तीन लाख रुपये में दी गई थी. सोमवार को पटना पुलिस ने तीन अहम आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिसमें मास्टरमाइंड बिल्डर अशोक शाह, उसका सहयोगी राजा और शूटर उमेश यादव शामिल हैं. पुलिस के अनुसार, इस हत्याकांड की योजना बेहद सुनियोजित तरीके से रची गई थी.

सूत्रों के अनुसार, इस हत्या की साजिश किसी ऐसे व्यक्ति ने रची, जो गोपाल खेमका को पहले से जानता था. कारोबारी दुश्मनी और संपत्ति विवाद इस हत्याकांड के संभावित कारण बताए जा रहे हैं. जांच में यह भी सामने आया कि इस षड्यंत्र के तार बेऊर जेल में बंद अपराधियों और कुछ राजनीतिक रसूखदारों से भी जुड़ सकते हैं.

कैसे पकड़ा गया शूटर उमेश यादव?

शूटर उमेश यादव की गिरफ्तारी पटना सिटी के मालसलामी इलाके से हुई. उसके पास से हत्या में इस्तेमाल की गई पिस्तौल, स्कूटी, हत्या के समय पहने गए कपड़े और 3 लाख नकद बरामद हुए हैं. सीसीटीवी फुटेज के विश्लेषण और मोबाइल ट्रैकिंग के आधार पर उमेश की पहचान की गई और फिर गिरफ्त में लिया गया.

बिल्डर अशोक शाह है मास्टरमाइंड

पटना पुलिस का दावा है कि बिल्डर अशोक शाह इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड है, जिसने व्यक्तिगत रंजिश में इस घटना की सुपारी दी. उसका सहयोगी राजा पूरे षड्यंत्र में शामिल रहा और योजना को जमीन पर उतारने में सक्रिय भूमिका निभाई. इन दोनों से लगातार पूछताछ जारी है ताकि साजिश की पूरी परतें खुल सकें.

10 दिन पहले बनी थी हत्या की योजना

जांच में सामने आया है कि हत्या की योजना 10 दिन पहले बनाई गई थी, और इसमें तीन से चार अपराधी शामिल थे. पुलिस बेऊर जेल में बंद कुख्यात अपराधी अजय वर्मा से भी पूछताछ कर रही है, जिसका नाम इस मामले से जुड़ रहा है. सूत्रों का मानना है कि अजय वर्मा के गैंग के जरिए ही शूटर उमेश यादव तक सुपारी पहुंची थी.

केस की कई परतें खुलना बाकी

पटना पुलिस इस केस को बड़ी सफलता मान रही है लेकिन अभी भी कई परतें खुलनी बाकी हैं. पुलिस की SIT अब इस केस को मनी ट्रेल, कॉल रिकॉर्ड और जेल नेटवर्क के आधार पर गहराई से जांच रही है. माना जा रहा है कि जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं और पटना के इस हाई प्रोफाइल हत्याकांड का पूरा सच सामने आ सकता है.

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