आतंक की जड़ है पाकिस्तान... ओवैसी से लेकर शशि थरूर तक सभी डेलीगेट्स करेंगे 'डिप्लोमैटिक स्ट्राइक'
भारत ने बहुपक्षीय कूटनीतिक अभियान शुरू किया है जिसमें 59 सांसद 33 देशों में जाकर पाकिस्तान की आतंकी सरपरस्ती का पर्दाफाश करेंगे. ओवैसी बहरीन से शुरुआत कर चुके हैं, जबकि थरूर अमेरिकी दौरे पर रवाना हैं. यह डेलिगेशन पहलगाम हमले सहित भारत पर हुए आतंकी हमलों की सच्चाई को वैश्विक मंच पर उजागर करेगा और पाकिस्तान के दोहरे चेहरे को बेनकाब करेगा.;
भारत ने पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिन्दूर के बाद सभी दलों के सांसदों को साथ लेकर अलग अलग टीम तैयार की है जो विश्व के कई देशों में जाकर पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद के सच को उजागर किया जा सके. इस बहुदलीय सहयोग ने घरेलू मतभेदों को पीछे छोड़कर यह संदेश दिया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रश्न पर भारत की राजनीतिक बिरादरी एक ही सुर में बोलती है. आज दो दल विदेश यात्रा पर निकले हैं.
पहले ग्रुप का नेतृत्व बीजेपी सांसद बैजयंत जय पांडा कर रहे हैं, इसमें AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हैं. टीम ने अपनी यात्रा बहरीन से शुरू की है. खाड़ी क्षेत्र में विश्वास-निर्माण के बाद यही प्रतिनिधिमंडल कुवैत, सऊदी अरब और अंततः अल्जीरिया पहुंचेगा. जहां वे स्थानीय सांसदों और थिंक-टैंक विशेषज्ञों को यह समझाएंगे कि पाकिस्तान किस तरह लंबे समय से आतंकी मॉड्यूल चला रहा है.
ओवैसी ने क्या कहा?
बहरीन रवाना होने से पहले AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने साफ शब्दों में कहा कि पाकिस्तान लम्बे समय से आतंकवाद की सरपरस्ती कर रहा है और यही बात अब भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेझिझक कहेगा. ओवैसी ने कहा, "पहलगाम का जो दर्दनाक वाकया हुआ है, वो पाकिस्तान की उसी नीति का नतीजा है जिसमें वो अपने मुल्क से आतंकी कैंप चलाता है और उन्हें भारत के खिलाफ इस्तेमाल करता है. अब वक्त आ गया है कि हम इन सच्चाइयों को उन देशों के सामने रखें जिनके साथ पाकिस्तान दोहरी नीति अपनाता है.
सभी दल एक साथ
हम बहरीन, कुवैत, सऊदी अरब और अल्जीरिया जैसे देशों को बताने जा रहे हैं कि पाकिस्तान कैसे आतंकवाद को पनाह देकर दक्षिण एशिया की स्थिरता को खतरे में डालता है." ओवैसी ने यह भी ज़ोर दिया कि यह पहल केवल सरकार की नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय अभियान है जिसमें सभी दल एक साथ हैं. उनका यह बयान इस बात का प्रतीक है कि अब भारत आतंकवाद के मुद्दे पर रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक कूटनीति अपना रहा है.
गुयाना के लिए रवाना हुई शशि थरूर की टीम
दूसरे ग्रुप की अगुवाई कांग्रेस सांसद शशि थरूर कर रहे हैं और इसमें भाजपा, जेडीयू, शिवसेना से लेकर एलजेपी और टीडीपी तक के सदस्य शमिल हैं. उनका पहला पड़ाव गुयाना की राजधानी जॉर्जटाउन है, जहां वे स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेकर भारत-गुयाना संबंधों को नई ऊर्जा देंगे. उसके बाद दल संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय होते हुए न्यूयॉर्क पहुंचेगा, जहां अमेरिकी नीति-निर्माताओं से वार्ता कर वैश्विक आतंक-ढांचे पर ठोस कार्रवाई की मांग करेगा.
9/11 स्मारक से वैश्विक संदेश
न्यूयॉर्क यात्रा का एक अहम पड़ाव 9/11 स्मारक पर श्रद्धांजलि है. थरूर का मानना है कि इस प्रतीकात्मक क्षण के माध्यम से भारतीय प्रतिनिधि दुनिया को याद दिलाएंगे कि आतंकवाद की मार किसी एक राष्ट्र का दर्द नहीं, बल्कि वैश्विक संकट है. इस पृष्ठभूमि में भारतीय सांसद बताएंगे कि पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकी हमलों की श्रृंखला पिछले चार दशकों से दक्षिण एशिया में वैसा ही विनाश ला रही है जैसा 9/11 ने अमेरिका में किया था.
पाकिस्तान विश्व-शांति के लिए ख़तरा
तेजस्वी सूर्या जैसे युवा सांसद स्पष्ट कह चुके हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने सभी दलों को यह ज़िम्मेदारी दी है कि वे वैश्विक समुदाय को समझाएं कि सीमा-पार आतंक अकेले भारत ही नहीं, विश्व-शांति के लिए ख़तरा है. भारत का संदेश दो-टूक है कि जब तक पाकिस्तान आतंकी अधिष्ठान को खत्म नहीं करता, उसे किसी भी बहुपक्षीय मंच पर छूट नहीं मिलनी चाहिए.