EXCLUSIVE: Tahawwur Rana की गिरफ्तारी से यह देश बदहवास... दुनिया की नजरों में 'नंगा' होगा पड़ोसी मुल्क!

26/11 हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है. भारतीय एजेंसियां राणा से पूछताछ में जुटी हैं, जबकि पाकिस्तान उसकी करतूतों से बचने की कोशिश में है. पूर्व CBI अधिकारी शांतनु सेन के मुताबिक, राणा का प्रत्यर्पण भारत के लिए कूटनीतिक और सुरक्षा के मोर्चे पर बड़ी जीत है.;

By :  संजीव चौहान
Updated On : 10 April 2025 9:49 PM IST

EXCLUSIVE: 26/11 मुंबई हमलों के मोस्ट वॉन्टेड मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण का भारत में भले ही जश्न मनाया जा रहा हो. इसके इतर दुनिया का एक देश ऐसा भी है जिसमें मातम पसरा पड़ा है. भारतीय खुफिया और जांच एजेंसियों की मानें तो अमेरिका से भारत प्रत्यर्पण के बाद, तहव्वुर राणा से ज्यादा तो भारत के पड़ोसी और कट्टर दुश्मन देश पाकिस्तान का हाल-बेहाल है. पाकिस्तान की समझ में नहीं आ रहा है कि 16 साल बाद, अमेरिका की बोतल से निकल कर भारत पहुंचे तहव्वुर राणा नाम के इस ‘जिन्न’ के असर से आइंदा, उसकी (पाकिस्तान) जान अब कैसे छूटेगी?

भारतीय खुफिया एजेंसी ‘रॉ’ और अंतरराष्ट्रीय अपराधों की जांच एजेंसी एनआईए जहां तहव्वुर राणा से सच उगलवाने में जुटी हैं. वहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान, उसकी फौज और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई अपनी-अपनी खाल बचाने में जुटे हैं. इन तमाम सनसनीखेज तथ्यों का खुलासा शांतनु सेन ने किया. शांतनु सेन भारतीय जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई के रिटायर्ड ज्वाइंट-डायरेक्टर हैं. सीबीआई की करीब 38-40 साल की नौकरी में शांतनु सेन तहव्वुर राणा जैसे, तमाम अंतरराष्ट्रीय अपराधियों के खिलाफ जांच कर चुके हैं.

शांतनु सेन गुरुवार को नई दिल्ली में ‘स्टेट मिरर’ से विशेष बातचीत कर रहे थे. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘अमेरिका ने तहव्वुर राणा को भारत के हवाले करके एक तीर से कई निशाने साध लिए हैं. मसलन, अमेरिका ने पाकिस्तान से बिना सीधे कुछ कहे हुए ही, उसे जमाने में कहीं मुंह दिखाने के काबिल नहीं छोड़ा है. क्योंकि तहव्वुर राणा आखिरकार है तो पाकिस्तानी मूल का ही भारत का मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी.’

अंतरराष्ट्रीय मामलों और कूटनीतिक जानकारों के मुताबिक, अमेरिका ने यह भी साबित कर दिया है कि अपनी दूसरी पारी के शपथ-ग्रहण समारोह में, भले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शामिल होने का निमंत्रण न दिया हो. इससे लेकिन भारत और अमेरिका के सामरिक-राजनीतिक-कूटनीतिक रिश्तों में कहीं दरार नहीं थी. अगर दरार होती तो फिर दूसरी पारी की शुरूआत करते ही क्यों और कैसे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप, तहव्वुर राणा जैसे खूंखार आतंकवादी को भारत के हाथों में सौंपते?

आतंकवाद के मोर्चे पर पाक होगा नंगा?

अमेरिका, भारत, ब्रिटेन, चीन और पाकिस्तान के मामलों के जानकारों की मानें तो उनके मुताबिक, “अमेरिका ने तहव्वुर राणा को भारत के हवाले करके न केवल पाकिस्तान को, आतंकवाद के मोर्चे पर दुनिया की नजर में ‘नंगा’ कर डाला. अपितु अमेरिका ने अपने धुर-विरोधी चीन को भी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से अहसास करा दिया है कि, चीन का हर दोस्त अमेरिका का तो दुश्मन है ही.

Tahawwur Rana को लेकर शांतनु सेन ने क्या क्या स्टेट मिरर को बताया?

हालांकि वहीं एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान शांतनु सेन यह भी कहते हैं कि, तहव्वुर राणा भारत प्रत्यर्पण मामला अब दुनिया के तमाम आतंकवादी संगठनों और उनके आकाओं में खलबली मचने की वजह बन चुका है. विशेषकर उन आतंकवादी संगठनों और आतंकवादियों को शरण देने वाले उन देशों का हाल-बेहाल होगा, जो भारत में अशांति फैलाकर यहां की शांति-संप्रभुता और अखंडता के लिए हमेशा खतरा बने रहते हैं.

1993 मुंबई सीरियल बम धमाकों के लिए बनी सीबीआई की एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) के सर्वेसर्वा रह चुके शांतनु सेन ने, ‘स्टेट मिरर’ के एक सवाल के जवाब में कहा, “तहव्वुर राणा का अमेरिका से भारत किया गया प्रत्यर्पण आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत बड़ी घटना है. साथ ही अब भारत के उन बाकी बचे मोस्ट वॉन्टेड या भगोड़े अपराधियों में भी खलबली मची होगी, जो कई-कई साल से खुद को विदेशों में छिपाकर सुरक्षित समझ रहे थे. और सोच रहे होंगे कि उन्हें भारत कभी भी नहीं भेजा जा सकता है.” उदाहरण के तौर पर ब्रिटेन में छिपे ऐसे ही भारत के एक मोस्ट वॉन्टेड भगोड़ा घोषित अपराधी के बारे में जानता हूं. लेकिन उसका नाम आइंदा जल्दी ही खोलूंगा.”

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