पद्मनाभस्वामी मंदिर का सोना लेना चाहती है बीजेपी सरकार, महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष के दावे पर क्या बोले नड्डा?

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सापकल ने एक सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा है कि बीजेपी सरकार की नजर अब पद्मनाभस्वामी मंदिर के खजाने पर है. उनका कहना है कि हाल ही में पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 सिर्फ मुस्लिम वक्फ संपत्तियों तक सीमित नहीं है, बल्कि सरकार इसे धार्मिक ट्रस्ट्स और मंदिरों की संपत्ति तक भी फैलाना चाहती है.;

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By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 6 April 2025 11:59 PM IST

Padmanabhaswamy Temple Controversy BJP Vs Congress: महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष हर्षवर्धन सापकल ने आरोप लगाया है कि बीजेपी सरकार पद्मनाभस्वामी मंदिर के स्वर्ण भंडार पर नजर गड़ाए हुए है. उन्होंने यह दावा वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 के संदर्भ में किया, जिसे हाल ही में संसद में पारित किया गया है.

सपकाल ने कहा कि ये कानून सिर्फ एक रास्ता है जिससे सरकार देश के प्राचीन मंदिरों, विशेष रूप से पद्मनाभस्वामी मंदिर जैसे विशाल स्वर्ण भंडार वाले संस्थानों की संपत्तियों को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है.

'1913 में हुई वक्फ बोर्ड की स्थापना'

सापकल ने कहा, "जिस तरह सरकार धीरे-धीरे वक्फ बोर्डों पर नियंत्रण की कोशिश कर रही है, उससे मंदिरों की संपत्ति भी खतरे में है. क्या ये सब सिर्फ सोना और संपत्ति हड़पने की साजिश है?" उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासन के दौरान 1913 में धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए वक्फ बोर्ड की स्थापना की गई थी, लेकिन वर्तमान सरकार इस संशोधन के माध्यम से इन संपत्तियों पर नियंत्रण स्थापित करना चाहती है.

जेपी नड्डा ने आरोपों का किया खंडन

भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने इन आरोपों का खंडन करते हुए स्पष्ट किया कि सरकार वक्फ बोर्डों पर नियंत्रण स्थापित नहीं करना चाहती, बल्कि यह सुनिश्चित करना चाहती है कि उनकी संपत्तियों का उपयोग मुस्लिम समुदाय की शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और रोजगार के लिए हो.

वक्फ संसोधन विधेयक 2025 को मिली राष्ट्रपति कीमंजूरी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को अपनी मंजूरी दे दी. इसे पिछले सप्ताह संसद ने पारित किया था. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत कई मुस्लिम संगठनों ने सरकार की आलोचना की है.  उन्होंने भाजपा के सहयोगी दलों पर भी निशाना साधा, क्योंकि वे धर्मनिरपेक्ष विचारधारा का दावा करने के बावजूद विधेयक का समर्थन कर रहे हैं.

कहां है पद्मनाभस्वामी मंदिर?

पद्मनाभस्वामी मंदिर को श्री वैष्णव परंपरा में भगवान विष्णु का पवित्र निवास माना जाता है. यह केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में स्थिति है. इसे दुनिया का सबसे अमीर मंदिर माना जाता है. मंदिर का संचालन त्रावणकोर राजघराने के अधीन होता आया है. सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में यह अधिकार पुनः राजघराने को सौंप दिया. मंदिर का उल्लेख प्राचीन ग्रंथों और यात्रा वृतांतों में भी मिलता है.

मंदिर में कुल 6 तहखाने (Vaults A to F)हैं, जिसमें से एक तहखाने (Vaults B) को आज तक नहीं खोला गया. कहा जाता है कि इसे खोलने से प्रलय आ जाएगा. इसे नागों का संरक्षित स्थल माना जाता है.

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