Operation Sindoor Effect: क्यों पाकिस्तान कभी परमाणु बम नहीं चलाएगा? रि. ले. जनरल वीके चतुर्वेदी ने बताई Inside Story
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल वीके चतुर्वेदी ने स्टेट मिरर से खास बातचीत में कहा कि पाकिस्तान ने पहले पहलगाम हमले के जरिए भारत को उकसाया और अब ऑपरेशन सिंदूर में उसी की चिंगारी से उसका घर जलाया गया. उन्होंने दावा किया कि इस ऑपरेशन में 400-500 आतंकवादी ढेर हुए और पाकिस्तान की परमाणु धमकी खोखली है.;
पाकिस्तान ‘नापाक’ था और है. इसीलिए उसने पहलगाम नरसंहार अंजाम दिलवाकर खुद भारत के हाथों अपनी तबाही बुलाई. एक ऑपरेशन सिंदूर ने ही जब पाकिस्तान में कोहराम मचा डाला है. तो अंदाजा लगाइए कि, भारत की फौज असली जंग में उसके खिलाफ सीना अड़ा कर खड़ी हो गई, तब पाकिस्तान को मुंह मांगी मौत भी नहीं मिलेगी. पाकिस्तान को समझना होगा कि उसके पास आतंकवादियों की फौज है.
तो हिंदुस्तानी हुकूमत के पास दृढ़-इच्छाशक्ति और अपनी मजबूत फौज है. जहां तक बात पाकिस्तान द्वारा परमाणु बम का इस्तेमाल करने की है. तो वह (पाकिस्तान) परमाणु बम चला ही नहीं सकता है. क्योंकि पाकिस्तान ने ‘भीख’ में एटम-बम तो ले लिया. उसे चलाने वाला तो पाकिस्तान में जन्मा ही नहीं है. बात ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की करूं तो, समझ लीजिए कि भारतीय फौजों के इस ऑपरेशन ने पाकिस्तानी आतंकवादियों की “ससुराल और मायके” सब ज़मींदोज कर दिए हैं.
कौन हैं रिटायर्ड ले. जनरल वीके चतुर्वेदी?
यह तमाम बेबाक बातें स्टेट मिरर हिंदी से एक्सक्लूसिव बातचीत में बयान की हैं वीके चतुर्वेदी ने. वीके चतुर्वेदी भारतीय थलसेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल हैं. उन्होंने हिंदुस्तानी फौज की पूरी 40 साल की सेवा “तोपखाने” में ही की है. साल 1971 में जब भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ और उसके बाद बांग्लादेश (तब का पूर्व पाकिस्तान) बना. उस वक्त इन्हीं वीके चतुर्वेदी की उम्र महज 20-21 साल थी. भारत की थलसेना में कमीशंड होने के चार-पांच महीने बाद ही वीके चतुर्वेदी को पाकिस्तानी सेना को उसकी औकात बताने के लिए भेज दिया गया था. तब की (1971) भारतीय फौज और अब 2025 की भारतीय फौज में थलसेना के पूर्व ले. जनरल बहुत फर्क आ चुका बताते हैं.
पाकिस्तान ने अपना घर भारत से खुद फुंकवाया
पहलगाम हमले से पाकिस्तान द्वारा भड़काई गई चिंगारी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में वीके चतुर्वेदी बोले, “पहलगाम में अगर पाकिस्तानी आतंकवादियों (Pahalgam Terror Attack) ने हमारे 26-27 निर्दोष 22 अप्रैल 2022 को नहीं मारे होते तो आज, भारत को ऑपरेशन सिंदूर की व्यूह रचना नहीं करनी पड़ती. चिंगारी पाकिस्तान ने भारत में जलाकर फेंकी थी कि भारत उसमें झुलस जाएगा. भारत की मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हुकूमत और भारतीय सेनाओं ने, पाकिस्तान की ओर से आई वो जलती हुई माचिस की तीली, ऑपरेशन सिंदूर की डिब्बी में बंद करके उसी (पाकिस्तान) के घर-आंगन में पल रहे आतंकवादियों के अड्डों की ओर फेंक दी. नतीजा सामने है. पाकिस्तान को भारत ने उसी की फेंकी चिंगारी से जलाकर तबाह-स्वाहा कर दिया है.”
ऑपरेशन सिंदूर में उनके ससुराल-मायके सब स्वाहा
ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) में भारत ने पाकिस्तान के क्या कुल 90 आतंकवादी (Pakistani Terrorist Camp) ही मारे होंगे? पूछने पर भारत की थलसेना (Indian Army) के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल वीके चतुर्वेदी (Retired Lieutenant General VK Chaturvedi) बोले, “क्या भारत की फौज केवल 90 आतंकवादी ठोंकने के लिए ही ऑपरेशन सिंदूर जैसी जबरदस्त व्यूह रचना करेगी! नहीं ऑपरेशन सिंदूर खर्चे के हिसाब से बहुत महंगा ऑपरेशन रहा होगा. जिसमें कम से कम 9 आतंकवादी कैंप्स में 400 से 500 आतंकवादी मारे गए होंगे. भारत का बहुत गोला-बारूद लगा है ऑपरेशन सिंदूर में. इतना पैसा फूंककर तो मुझे लगता है कि भारत की फौजें हाल-फिलहाल, पाकिस्तानी आतंकवादियों के ससुराल-मायके सब फूंक कर ही 6-7 मई 2025 को आधी रात के बाद वापिस सुरक्षित अपने घर लौटी होंगीं.”
पाकिस्तान परमाणु बम कभी नहीं चलाएगा!
अब जब ऑपरेशन सिंदूर की झपट ने पाकिस्तान की हालत पस्त कर ही दी है. तो फिर वह अब अपने बचाव में परमाणु-बम क्यों नहीं चला पा रहा है? पूछने पर रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल वी के चतुर्वेदी बोले, “इन दिनों की बात छोड़िए. पाकिस्तान आइंदा भी कभी परमाणु बम नहीं चला सकता. क्योंकि पाकिस्तान में किसी को परमाणु बम का बटन तक दबाना नहीं आता होगा. उसे परमाणु बम चलवाने के लिए भी अमेरिका-चीन से किसी भाड़े के आदमी को बुलाना होगा. दूसरे, पाकिस्तान जानता है कि परमाणु बम चलाने पर सबसे पहले वह खुद ही भस्मासुर की तरह स्वाहा होगा. फिर उसका दोस्त और भारत का दुश्मन देश चीन निपटेगा. इसीलिए भारत, उसकी (पाकिस्तान) परमाणु बम के इस्तेमाल वाली गीदड़ भभकी पर कभी कान ही नहीं लगाता है.”