कौन हैं ओडिशा की IAS सुजाता कार्तिकेयन? समय से पहले लिया VRS, माझी सरकार के साथ नहीं करना चाहती थी काम
Sujatha Karthikeyan: ओडिशा कैडर की सीनियर आईएएस अधकारी सुजाता कार्तिकेयन को केंद्र सरकार ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति यानी VRS की मंजूरी दे दी. उनके आवेदन को सरकार ने स्वीकार कर लिया है. इससे पहले वह 6 महीने की छुट्टी पर थीं. सुजाता के फैसले के पीछे वीआरएस के पीछे निजी कारण बताए गए हैं. कार्तिकेयन को शिक्षा और खेल में बड़े बदलाव के लिए जाना जाता है. लंबे समय तक उन्होंने नक्सल प्रभावित इलाकों काम किया है.;
Sujatha Karthikeyan: ओडिशा कैडर की सीनियर आईएएस अधकारी सुजाता कार्तिकेयन हाल ही में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति यानी VRS के लिए अप्लाई किया था. अब उनके इस आवेदन को केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है. इससे पहले उन्होंने 6 महीने का ब्रेक लिया था, लेकिन अब उन्होंने हमेशा के लिए अपनी सेवा पर विराम लगाने का फैसला लिया. वह ओडिशा के पूर्व सीएम नवीन पटनायक के करीबी सहयोगी आईएएस वीके पांडियन की पत्नी हैं.
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की अधिकारी कार्तिकेयन वित्त विभाग में विशेष सचिव हैं. वीआरएस के पीछे निजी कारण बताए गए हैं. इससे पहले सुजाता के पति पांडियन ने भी अक्टूबर 2023 में अपनी मर्जी से रिटारमेंट यानी वीआरएस लिया था.
कौन हैं सुजाता कार्तिकेयन?
सुजाता कार्तिकेयन को शिक्षा और खेल में बड़े बदलाव के लिए जाना जाता है. लंबे समय तक उन्होंने नक्सल प्रभावित इलाकों काम किया है. वह दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेजी की टॉपर रही हैं. साल 2000 बैच की आईएएस अधिकारी हैं. उन्होंने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल पॉलिटिक्स में पोस्ट ग्रैजुएशन किया था. सुजाता आईएएस अकैडमी में गोल्ड मेडलिस्ट थीं. वह माओवादी क्षेत्र सुदरगढ़ में कलेक्टर थीं. उन्होंने यहां पर हाईस्कूल पास करने वाली छात्राओं के लिए साइकल देने की योजना की शुरुआत की. उनके इस फैसले के बाद स्कूलों में लड़कियों की संख्या पढ़ने लगी थी.
खेल क्षेत्र में किया कमाल
सुजाता ने माओवादी प्रभावित इलाकों में युवाओं को बचाने के लिए फुटबॉल जैसे खेलों के आयोजन शुरू किए. इसके बाद हॉकी खेलने में बच्चों की रुचि भी बढ़ने लगी. युवा पढ़ाई के साथ खेल पर ध्यान देने लगे, इससे वह माओवादी गतिविधि से दूर हो पाए. इसके अलावा उन्होंने लड़कियों के लिए हॉस्टल की भी स्थापना की. साल 2006 में सुदरगढ़ के सभी सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील्स में अंडे शामिल करने का फैसला लिया. इस योजना का उद्घाटन खुद पटनायक ने किया था. बाद में इसे प्रदेश भर के सभी स्कूलों में लागू किया गया.
महिलओं के लिए उठाया अनोखा कदम
सुजाता कार्तिकेयन कटक जिले की पहली महिला कलेक्टर थीं. उन्होंने पटनायक सरकार की मिशन शक्ति के लिए काम किया. इस दौरान 70 लाख महिलाओं को इस स्कीम से जोड़ा. साथ वह 5 महीने तक कल्चरल सेक्रेटरी के रूप में भी काम कर चुकी हैं. बता दें कि उन्होंने 2024 में हुए आम चुनाव के बाद ब्रेक ले लिया. लग 6 महीने की छुट्टी पर चली गईं और 31 मई से अगले छह महीने तक छुट्टी पर रहीं. मंगलवार को उनकी छुट्टी खत्म होनी थी. लेकिन अब उन्होंने वीआरएस ही ले लिया.