क्यों मनाया जाता है प्रवासी भारतीय दिवस? भुवनेश्वर में जुटे 50 देशों के NRI
इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य प्रवासी समुदाय, विशेषकर युवाओं के साथ गहरा जुड़ाव बनाना और भारत के विकास में उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए अवसर तलाशना है. इस साल प्रवासी भारतीय दिवस की थीम 'विकसित भारत के लिए प्रवासियों का योगदान' है. यह थीम भारतीय प्रवासियों के भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान को दिखाती है.;
NRI Day: भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय का बहुत बड़ा योगदान रहा है. इसी योगदान को याद करने के लिए हर साल 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) मनाया जाता है. इसे एनआरआई डे भी कहा जाता है. इस साल ये 18वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन 8 से 10 जनवरी 2025 के बीच ओडिशा के भुवनेश्वर में आयोजित किया जा रहा है. बता दें, पहला प्रवासी भारतीय दिवस 2003 में मनाया गया था.
इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य प्रवासी समुदाय, विशेषकर युवाओं के साथ गहरा जुड़ाव बनाना और भारत के विकास में उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए अवसर तलाशना है. इस साल प्रवासी भारतीय दिवस की थीम 'विकसित भारत के लिए प्रवासियों का योगदान' है. यह थीम भारतीय प्रवासियों के भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान को दिखाती है.
पीएम करेंगे कार्यक्रम का उद्घाटन
इस सम्मेलन का उद्घाटन 9 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. इसमें मुख्य अतिथि त्रिनिदाद और टोबैगो गणराज्य की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू द्वारा वर्चुअल संबोधन दिया जाएगा. प्रधानमंत्री प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस की पहली यात्रा को रिमोट से हरी झंडी दिखाएंगे. यह भारतीय प्रवासियों के लिए एक विशेष पर्यटक ट्रेन है, जो दिल्ली के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से रवाना होगी और तीन सप्ताह तक भारत में पर्यटन और धार्मिक महत्व के कई स्थलों की यात्रा करेगी. प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस का संचालन विदेश मंत्रालय की प्रवासी तीर्थ दर्शन योजना के तहत किया जाएगा.
राष्ट्रपति 24 देशों के 27 लोगों को करेंगी सम्मानित
18वें प्रवासी भारतीय दिवस के अंतिम दिन सम्मेलन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू समापन सत्र की अध्यक्षता करेंगी. राष्ट्रपति विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान को मान्यता देने के लिए भारतीय प्रवासियों के 27 सदस्यों को पुरस्कार प्रदान करेंगी. इन सदस्यों में 24 देशों के प्रवासी शामिल हैं. पुरस्कार देने का उद्देश्य उनके भारत में विभिन्न क्षेत्रों में उनके उत्कृष्ट योगदान और उपलब्धियों को मान्यता दी जा सके.
50 से ज्यादा देशों के भारतीय होंगे शामिल
इस कार्यक्रम में प्रदर्शनी, कल्चरल प्रोग्राम और ओवरसीज इंडियन के साथ बातचीत का सेशन होता है. इस दौरान नीति निर्माण और राजनीतिक नेतृत्व पर बातचीत का मौका दिया जाता है. इस दौरान भारत के विकास में उनकी भूमिका की सराहना करने के लिए असाधारण योग्यता वाले व्यक्तियों को प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार भी दिया जाता है. इस साल 50 से ज्यादा देशों से बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीयों ने प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में भाग लेने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है.
2025 में 129 अरब डॉलर भेजेंगे एनआरआई
2023 में जारी विश्व बैंक के आंकड़े के अनुसार, अप्रवासी भारतीयों ने भारत में कुल 120 अरब डॉलर की राशि भेजी थी. यह राशि 2024 में 124 अरब डॉलर और 2025 में 129 अरब डॉलर पहुंचने का अुनमान लगाया गया. 2023-24 में एफडीआई और पोर्टफोलियो निवेश दोनों मिलाकर मात्र 54 अरब डॉलर का रहा. यानी अप्रवासी भारतीयों द्वारा कुल विदेशी निवेश के दोगुने से भी ज्यादा धन दिया गया. बता दें, भारत की विदेशी मुद्रा की जरूरत की पूर्ति बड़े पैमाने पर अप्रवासी भारतीय ही करते हैं.
9 जनवरी को क्यों करते हैं सेलिब्रेट?
9 जनवरी का दिन इसीलिए तय किया गया क्योंकि 1915 में इसी दिन महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे और भारत के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया. उन्होंने हमेशा के लिए भारतीयों के जीवन को बदल दिया था. साल 2015 से इसके प्रारूप में संशोधन किया गया है, ताकि हर दो साल में एक बार प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जा सके.