अब पहले से ज्यादा सेफ होगा यूजर्स का ऑनलाइन डेटा! केंद्र सरकार और Meta ने साथ मिलकर बनाया ये प्लान
Central Government-Meta Deal: केंद्र सरकार ने यूजर्स की डेटा सुरक्षा के लिए मेटा के साथ डील की है और जागरूकता अभियान चलाने का एलान किया है. अभियान का उद्देश्य ऑनलाइन उपभोक्ताओं के लिए डिजिटल साक्षरता और सुरक्षा को बढ़ाना है. यह सरकार के मौजूदा "जागो ग्राहक जागो" (उपभोक्ता जागो) अभियान ढांचे के तहत संचालित किया जाएगा.;
Digital Safety: देश में ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. मैसेज, फेक ई-मेल, ओटीपी और लिंक के जरिए लोगों को स्कैमर्स अपने जाल में फंसा रहे हैं. अब यूजर्स की डिजिटल सुरक्षा के लिए भारत सरकार ने बड़ा फैसला किया है.
केंद्र सरकार ने टेक कंपनी मेटा के साथ एक डील की है. इस संबंध में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने मंगलवार को जानकारी दी. इस समझौते के तहत "सशक्त उपभोक्ता बनें" नाम से उपभोक्ता जागरूकता अभियान शुरू किया जाएगा.
डिजिटल सेफ्टी के लिए कैम्पिन
केंद्र सरकार ने मेटा की ओर से शुरू होने वाले सशक्त उपभोक्ता बनें अभियान का उद्देश्य ऑनलाइन उपभोक्ताओं के लिए डिजिटल साक्षरता और सुरक्षा को बढ़ाना है. आपको बता दें कि इस पहल को उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी और मेटा के मुख्य वैश्विक मामलों के अधिकारी जोएल कपलान ने सरकार के मौजूदा "जागो ग्राहक जागो" (उपभोक्ता जागो) अभियान ढांचे के तहत संचालित किया जाएगा.
क्या बोले केंद्रीय मंत्री?
18 मार्च को इस अभियान को लॉन्च किया गया. इस कार्यक्रम में प्रहलाद जोशी ने कहा, उपभोक्ता जागरूकता एक टिकाऊ और सुरक्षित डिजिटल अनुभव की कुंजी है. उन्होंने कहा कि यह सहयोग विभाग के उपभोक्ता संरक्षण प्रयासों को देश के ग्रामीण क्षेत्रों तक विस्तारित करेगा.
इन समस्याओं पर फोकस
संयुक्त अभियान का ध्यान भारतीयों को ऑनलाइन खतरों को पहचानने के बारे में शिक्षित करने तथा बेहतर डिजिटल सुरक्षा आदतों को बढ़ावा देने पर केंद्रित होगा. जिसमें मजबूत पासवर्ड का उपयोग करना, ऑनलाइन जानकारी की पुष्टि करना तथा संदिग्ध गतिविधि की सूचना देना शामिल है. मंत्री ने आईआईटी बॉम्बे के साथ विकसित और मेटा द्वारा समर्थित एक अलग एआई-संचालित परियोजना की जानकारी दी.
कैसे होगी डिजिटल सुरक्षा?
भारतीय यूजर्स के डेटा सेफ रखने के लिए मेटा के लामा 2 भाषा मॉडल की मदद ली जाएगी. जो कि एक चैटबॉट है, इसे उपभोक्ता अधिकारों के बारे में सूचना तक पहुंच में सुधार लाने और शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए डिजाइन किया गया है. उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने कहा कि यूजर्स को चैटबॉक्स से शिकायत दर्ज करने और उसका समाधान करने में आसानी होगी.
मेटा के जोएल कपलान ने कहा कि हम मानते हैं कि एआई लोगों को खुद की सुरक्षा करने और सूचित रहने में मदद कर सकता है. एआई को यूजर फ्रेंडली बनाकर, हम उपभोक्ता जागरूकता में सुधार कर सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि यह समझौता भारत के डिजिटल बाजार में ऑनलाइन धोखाधड़ी चुनौतियों, जिनमें फेक विज्ञापन, बिजनेस के नाम पर फ्रॉड और ई-कॉमर्स लेनदेन में उपभोक्ता सुरक्षा में मदद करेगा.