अब आधे दाम में तय होगी लंबी दूरी! इन हाईवे पर टोल आधा! सरकार ने 50% तक घटाया चार्ज, यात्रियों को बड़ी राहत

केंद्र सरकार ने टोल दरों में बड़ा बदलाव करते हुए ब्रिज, टनल, फ्लाईओवर और एलिवेटेड कॉरिडोर वाले नेशनल हाइवे हिस्सों पर टोल 50% तक घटा दिया है. संशोधित नियमों के तहत अब टोल की गणना दो फॉर्मूलों में से कम राशि के आधार पर होगी. पहले 40 किमी के स्ट्रक्चर पर 400 किमी के बराबर टोल लगता था, अब सिर्फ 200 किमी के बराबर लगेगा. इससे यात्रियों को राहत मिलेगी और हाईवे उपयोग बढ़ेगा.;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  प्रवीण सिंह
Updated On : 5 July 2025 4:35 PM IST

राष्ट्रीय राजमार्गों पर सफर करने वाले लोगों के लिए बड़ी राहत की खबर है. केंद्र सरकार ने टोल दरों में 50% तक की कटौती का एलान किया है, खासतौर पर उन हाइवे सेक्शन पर जहां ब्रिज, टनल, फ्लाईओवर या एलिवेटेड रोड जैसे बड़े स्ट्रक्चर मौजूद हैं.

2 जुलाई 2025 को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) की ओर से अधिसूचना जारी करते हुए National Highways Fee (Determination of Rates and Collection) Rules, 2008 में संशोधन किया गया है. यह कदम आम यात्रियों को आर्थिक राहत देने और टोल प्रणाली को अधिक व्यावहारिक और न्यायसंगत बनाने के लिए उठाया गया है.

अब तक, इन संरचनात्मक हिस्सों के लिए यात्रियों से सामान्य टोल दर से 10 गुना अधिक शुल्क वसूला जाता था. इसकी वजह यह थी कि इन स्ट्रक्चर्स के निर्माण और रखरखाव की लागत काफी अधिक होती है. लेकिन अब नया फॉर्मूला लागू होने के बाद यह टोल लगभग आधा हो जाएगा.

क्या है नया फॉर्मूला?

नए नियम के तहत, जिन हाइवे सेक्शन में पुल, सुरंग, फ्लाईओवर या एलिवेटेड कॉरिडोर हैं, वहां टोल की गणना अब इन दो आधारों में से जिसका मान कम होगा उस पर की जाएगी...

  • संरचना (Structure) की लंबाई को 10 से गुणा करके, फिर सामान्य हाइवे की लंबाई जोड़कर.
  • पूरे खंड (Structure + Highway) की कुल लंबाई को 5 से गुणा करके.

उदाहरण के तौर पर, यदि किसी हाईवे का 40 किलोमीटर हिस्सा पूरी तरह टनल या ब्रिज है, तो पहले 400 किलोमीटर के बराबर टोल वसूला जाता था (10x40)। अब यही टोल 200 किलोमीटर के बराबर लिया जाएगा (5x40), यानी सीधे 50% की कटौती.

क्या बोले अधिकारी?

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “यह संशोधन टोल वसूली को तर्कसंगत बनाने और यात्रियों को राहत देने के उद्देश्य से किया गया है. हमारा प्रयास है कि बुनियादी ढांचे की लागत की भरपाई भी हो और आम जनता पर आर्थिक बोझ भी न पड़े.”

कौन होंगे लाभार्थी?

  • दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे जैसे हाईवे जहां बड़ी संख्या में एलिवेटेड स्ट्रक्चर हैं
  • कश्मीर, उत्तराखंड, नॉर्थ ईस्ट जैसे क्षेत्रों में टनल वाले हाइवे सेक्शन
  • फ्लाईओवर और पुलों से युक्त शहरी बाईपास और आउटर रिंग रोड
  • क्यों अहम है यह फैसला?
  • यात्रा होगी सस्ती: रोजाना सफर करने वालों को बड़ी राहत
  • ट्रैफिक होगा सुगम: महंगे टोल की वजह से जो लोग वैकल्पिक मार्ग चुनते थे, अब नेशनल हाइवे की ओर लौटेंगे
  • इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा: टोल विवादों और विरोध को कम किया जा सकेगा

सरकार के इस कदम से आम यात्रियों को बड़ी राहत मिलने जा रही है. खासकर उन इलाकों में जहां टोल दरें अब तक काफी अधिक थीं. टोल में यह कटौती केवल राहत नहीं, बल्कि नेशनल हाइवे नेटवर्क को और अधिक भरोसेमंद और सुलभ बनाने की दिशा में एक ठोस प्रयास भी है.

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